नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों को संबोधित किया. पीएम ने आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम 'मन की बात' में अपनी बातें रखी.
ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है 21वीं सदी : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम 'मन की बात' में कई मुद्दों पर अपनी बातें कही. कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हम 21वीं सदी में हैं, यह युग ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है. जानें पीएम मोदी ने क्या बातें कही.
पीएम मोदी के मन की बात
पीएम मोदी ने कहा, 'आज 26 जनवरी है. गणतंत्र पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं. 2020 का ये प्रथम 'मन की बात' का मिलन है. इस वर्ष का भी यह पहला कार्यक्रम है, इस दशक का भी यह पहला कार्यक्रम है.'
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें
- 2020 के पद्म-पुरस्कारों के लिए इस साल 46 हजार से अधिक नामांकन प्राप्त हुए. यह संख्या 2014 के मुक़ाबले 20 गुना से भी अधिक है. यह आंकड़े जन-जन के इस विश्वास को दर्शाते हैं कि पद्म-अवार्ड, अब पीपुल्स आवार्ड (People's Award) बन चुका है.
- साथियों, आपको पता ही होगा इस मिशन में एस्ट्रोनट यानी अंतरिक्ष यात्री के लिए चार उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है. यह चारों युवा भारतीय वायु-सेना के पायलट हैं. यह होनहार युवा भारत का कौशल, प्रतिभा, क्षमता, साहस और भारत के सपनों का प्रतीक हैं.
- आज गणतंत्र-दिवस के पावन अवसर पर मुझे 'गगनयान' के बारे में बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है. 2022 में हमारी आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं और उस मौके पर हमें गगनयान मिशन के साथ एक भारतवासी को अंतरिक्ष में ले जाने के अपने संकल्प को सिद्ध करना है.
- हम इक्कीसवीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है. क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो? हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं करती है.
- देशवासियों को यह जानकर बहुत प्रसन्ता होगी कि पूर्वोत्तर में विद्रोह बहुत-एक मात्रा में कम हुई है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस क्षेत्र से जुड़े हर एक मुद्दे को शांति के साथ, ईमानदारी से चर्चा करके सुलझाया जा रहा है.
- अभी कुछ दिनों पहले असम में आठ अलग-अलग मिलिटेंट ग्रुप के सैकड़ों लोगों ने अपने हथियारों के साथ आत्म-समर्पण किया. जो पहले हिंसा के रास्ते पर चले गए थे, उन्होंने अपना विश्वास, शान्ति में जताया और देश के विकास में भागीदार बनने का निर्णय लिया है.
- यह समझौता कई वजहों से बहुत खास है. यह सहकारी संघवाद की भावना को दर्शाता है. समझौते के समय मिजोरम और त्रिपुरा, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे. यह समझौता दोनों राज्यों की जनता की सहमति और शुभकामनाओं से ही सम्भव हुआ है.
- समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ता खुल गया है. आखिरकार 2020 का नया दशक, ब्रू-रींग समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया. करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा.
- पिछले दिनों में जब त्योहारों की धूम थी तब दिल्ली एक ऐतिहासिक समझौते का साक्षी बन रहा था. इसके साथ ही, लगभग 25 वर्ष पुरानी ब्रू-रींग शरणार्थी संकट (Bru-Reang refugee crisis) के एक दर्दनाक पाठ का अंत हुआ.
- 18 जनवरी को यवाओं ने देशभर में साइक्लोथॉन (cyclothon) का आयोजन किया. जिसमें शामिल लाखों देशवासियों ने फिटनेस का संदेश दिया. हमारा नया भारत पूरी तरह से फिट रहे. इसके लिए हर स्तर पर जो प्रयास देखने को मिल रहे हैं, वह जोश और उत्साह से भर देने वाले हैं
- देश के करोड़ों विद्यार्थियों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के अनुभव के बाद मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि देश का युवा आत्म विश्वास से भरा हुआ है और हर चुनौती के लिए तैयार है.
- अगले महीने 22 फरवरी से एक मार्च तक ओडिशा के कटक और भुवनेश्वर में पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स आयोजित हो रहे हैं. इसमें भागीदारी के लिए तीन हजार से ज्यादा खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं
- जल संरक्षण के लिए कई व्यापक और इन्नोवेटिव प्रयास देश के हर कोने में चल रहे.
- स्वच्छता के बाद जन-भागीदारी की भावना, सहभागिता की भावना से आज एक और क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है और वह है 'जल संरक्षण'.
- दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन भारत के लोगों का उत्साह और हम भी कुछ कम नहीं हैं, हम भी कुछ करके रहेंगे.
- कैन डू... ये कैन डू का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है.
- 'मन की बात' - शेयरिंग, लर्निंग और ग्रोइंग टूगेदर का एक अच्छा और सहज प्लेटफॉर्म बन गया है. हर महीने हज़ारों की संख्या में लोग, अपने सुझाव, अपने प्रयास, अपने अनुभव शेयर करते हैं.
- मैंने नए साल पर मन की बात पर चार्टर बनाया है, जिसमें कई चीजों की लिस्ट बनाई गई है.
- इस 'मन की बात चार्टर' को जब मैं पढ़ रहा था, तब, मुझे भी आश्चर्य हुआ कि इतनी सारी बाते हैं!
- इतने सारे हैश-टैग्स हैं! और, हम सबने मिलकर ढ़ेर सारे प्रयास भी किए हैं.
- जब हर भारतवासी एक कदम चलता है तो हमारा भारतवर्ष 130 करोड़ कदम आगे बढ़ाता है. इसलिए चरैवेति, चरैवेति... का मंत्र लिए अपने प्रयास करते रहें.
- मैं असम की सरकार और असम के लोगों को खेलो इंडिया की शानदार मेजबानी के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं.
- इस महोत्सव ओए अंदर 80 रिकॉर्ड टूटे, जिसमें से 56 रिकॉर्ड तोड़ने का काम हमारी बेटियों ने किया है.
Last Updated : Feb 25, 2020, 5:07 PM IST