नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देशवासियों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज के फैसले के बादन्यायपालिका विशेष तौर पर अभिनंदन की अधिकारी है, सर्वसम्मति से फैसला आना खुशी की बात है.
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें:
- राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है, अब देश के हर नागरिक पर राष्ट्र निर्माण की जवाबदारी और बढ़ गई है.
- एक नागरिक के तौर पर हम सभी पर देश की न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान, नियम कायदों का सम्मान करना, ये दायित्व भी पहले से अधिक बढ़ गया है
- अब समाज के नाते, हर भारतीय को अपने कर्तव्य और अपने दायित्व को प्राथमिकता देते हुए काम करना है.
- हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, शांति और देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
- सर्वोच्च अदालत का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है. इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी
- इन सारी बातों को लेकर कभी भी, कहीं भी किसी के मन में कोई भी कटुता रही हो तो उसे भी तिलांजलि देने का दिन है.
- नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है. आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे ही है.
- आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है. भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है.
- इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना और बहुत धैर्य से सुना.
- फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग, हर समुदाय और हर पंथ के लोगों सहित पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है.
- पूरी दुनिया ये तो मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है, लेकिन आज दुनिया ने ये भी जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत और मजबूत है.
- आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का दीर्घकालीन इतिहास है.
- पूरे देश की इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में रोज सुनवाई हो, जो हुई और आज निर्णय आ चुका है.
- दशकों तक चली न्याय प्रकिया का अब समापन हो गया है.
- सुप्रीम कोर्ट ने दृढ़ इच्छा शक्ति के दर्शन कराए हैं.
- आज ही के दिन बर्लिन की दीवार गिरी थी.
- अब दिल में कटुता का स्थान नहीं होना चाहिए.
- आज का दिन जोड़ने और जुड़कर रहने का संदेश दे रही है.
- कठिन से कठिन मसले का हल संविधान के दायरे में.