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जूम एप में आया सिक्योरिटी का नया फीचर, जानिए क्यों है खास

वीडियो मीट एप जूम ने अतिरिक्त सुरक्षा के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) की शुरुआत की है, जिससे एडमिन और ऑर्गनाइजेशन के लिए अपने उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा और सुरक्षा उल्लंघनों को रोकना आसान हो गया है.

टू-फैक्टर आथेन्टीकेशन
टू-फैक्टर आथेन्टीकेशन

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Published : Sep 12, 2020, 10:41 PM IST

नई दिल्ली :जूम 2FA अकाउंट लेवल का पासवर्ड बेस ऑथेंटिकेशन है जो अकाउंट उपयोगकर्ता को जूम डेशबोर्ड पर साइन-इन करने की सुविधा देता है.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि अकाउंट लेवल पर जूम 2FA को सक्षम करना एक सीधी प्रक्रिया है. अकाउंट एडमिन को जूम डैशबोर्ड में साइन-इन करने की आवश्यकता है और नेविगेशन मेनू में सिक्योरिटी टैब के तहत टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑप्शन के साथ साइन की जांच करें.

  • यहां से वह अकाउंट में सभी यूजर्स के लिए स्पेसिफिक यूजर्स या स्पेसिफिक ग्रुप से संबंधित यूजर्स के लिए 2FA सक्षम करने का विकल्प चुन सकते हैं.
  • 2FA के साथ ऑर्गनाइजेशन चोरी की पहचान करता है, जिससे रिस्क कम हो जाता है. इससे अपने प्लेटफॉर्म और यूजर्स के अकाउंट भी सिक्योर बना पाएंगे.
  • जूम का कहना है कि 2FA को लागू करने से ऑर्गनाइजेशन को संवेदनशील डेटा और ग्राहक जानकारी के लिए अनुपालन दायित्वों को पूरा करने में मदद मिलती है.
  • छोटे व्यवसायों और स्कूलों के लिए, एसएसओ (एकल साइन-ऑन) सेवा के लिए भुगतान करना महंगा हो सकता है.
  • कंपनी के अनुसार, जूम 2FA उपयोगकर्ताओं को मान्य करने और सुरक्षा उल्लंघनों से बचाने के लिए एक स्वतंत्र और प्रभावी तरीका प्रदान करता है.

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जूम के 2FA के साथ, उपयोगकर्ताओं के पास ऑथेंटिकेशन एप्स का उपयोग करने का विकल्प होता है जो टाइम-बेस्ड वन-टाइम पासवर्ड (TOTP) प्रोटोकॉल जैसे गूगल ऑथेंटिकेशन,माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर और फ्री ओटीपी को सपोर्ट करेगा. इसके साथ ही अकाउंट ऑथेंटिकेशन एसएमएस या फोन कॉल-बेस्ड कोड से होगा.

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