जयपुर : राजस्थान केजयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल (JLF-2020) में रविवार को नोबेल विजेता और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं. लेकिन, ये कब तक बेहतर बनी रहेगी, इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है.
अभिजीत ने कहा कि देश आर्थिक मंदी से जल्द ही बाहर निकलेगा. लेकिन अभी कुछ समय लगेगा. उन्होंने कहा, 'हमारे पास अभी इतने रुपये नहीं है, जिससे अर्थव्यवस्था सुधर सके.'
बनर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए धीरे-धीरे कई चीजों पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों का रुझान कम होता जा रहा है. जिस पर सरकार को सोचने की आवश्यकता है क्योंकि ग्लोबल इकॉनमी में बदलाव के लिए ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता है.
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देश मे स्थायी विपक्ष होना जरूरी
अभिजीत ने कहा कि देश मे अभी स्थाई विपक्ष नहीं है. अगर स्थाई विपक्ष होगा तो दबाव बना रहेगा. विपक्ष किसी भी लोकतंत्र का दिल होता है. सत्ताधारी पार्टी को भी अच्छे विपक्ष की जरूरत होती है.
सब्सिडी में उलझनों को करना होगा दूर
सब्सिडी को लेकर अभिजीत ने कहा कि सब्सिडी देना सही चीज है, बहुत तरह की सब्सिडी हैं, कुछ गरीबों के लिए है तो कुछ अमीरों के लिए. सब्सिडी को लेकर बहुत सारी उलझने हैं, जिनको दूर करना होगा.
बढ़ती गरीबी को लेकर अभिजीत ने कहा कि पिछले 30 सालों से गरीबी का ग्राफ कम हुआ है. 1990 में 40 फीसदी गरीबी थी, जो अब 20 फीसदी से भी कम रह गई है.
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अभिजीत बनर्जी ने कहा, 'हमने एक कैंपेन में लोगों से धर्म जाति के आधार पर वोट नहीं डालने की अपील की थी. कैंपेन में हमने प्रयास किया था कि लोग विकास और दूसरे मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट डालें.'