1994 में अजहर की गिरफ्तारी और उससे पूछताछ करने वाले पुलिस के एक पूर्व अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत में हुए कुछ भीषण हमलों के सरगना मौलाना मसूद अजहर से पूछताछ करना आसान था.
अविनाश मोहनाने 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने उस वक्त एजेंसी में कश्मीर डेस्क का नेतृत्व किया था. उन्होंने बताया कि सेना के एक जवान के एक थप्पड़ से ही वह हिल गया था जिसके बाद उसने अपनी गतिविधियों का ब्यौरा उगल दिया था. मोहनाने सिक्किम के पूर्व पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं.
1994 में हुआ था गिरफ्तार
अजहर पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसा था और फिर वह कश्मीर पहुंचा. उसे दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में फरवरी 1994 में गिरफ्तार किया गया था.
एक थप्पड़ में सब बोलना शुरू
अधिकारी ने बताया कि हिरासत में खुफिया एजेंसियों को अजहर से पूछताछ करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. उसने सेना के एक अधिकारी के एक थप्पड़ के बाद ही बोलना शुरू कर दिया और पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी समूहों के कामकाज के बारे में उसने विस्तार से जानकारी दी.
कई बार की गई अजहर से पूछताछ
अविनाश मोहनाने ने बताया, ‘उससे पूछताछ करना आसान था और सेना के एक अधिकारी के एक थप्पड़ से ही वह बुरी तरह हिल गया था.’ इंटेलिजेंस ब्यूरो में दो दशक के कार्यकाल में उन्होंने अजहर से कई बार पूछताछ की थी.
विमान हाइजेक कर रिहा कराया गया था अजहर को
इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के यात्रियों के अपहरण के बदले तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा 1999 में रिहा किए जाने के बाद अजहर ने जैश ए मोहम्मद का गठन किया और भारत में कई भीषण हमलों का षड्यंत्र रचा. जिन हमलों की उसने साजिश रची उसमें संसद पर हमला, पठानकोट वायुसेना के अड्डे पर हमला, जम्मू और उड़ी में सेना के शिविरों पर हमले और पुलवामा में चार दिन पहले सीआरपीएफ के काफिले पर किया गया हमला शामिल है जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.
पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों की दी थी जानकारी
मोहनाने ने बताया कि हिरासत में अजहर ने पाकिस्तान में आतंकवादियों की भर्ती प्रक्रिया और आतंकवादी समूहों के कामकाज के बारे में जानकारी दी. यह वह समय था जब खुफिया एजेंसियां, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की तरफ से छेड़े गए छद्म युद्ध को समझने का प्रयास कर रही थीं.
बिना बल प्रयोग के दे रहा था जानकारी
उन्होंने बताया, ‘कई मौके आए जब मैंने उससे कोट बलवाल जेल में मुलाकात की और कई घंटे तक उससे पूछताछ की. हमें उस पर बल प्रयोग नहीं करना पड़ा क्योंकि वह खुद ही सारी सूचनाएं बताता चला गया.’
हरकत उल अंसार का सरगना था अजहर
उन्होंने कहा कि उसने अफगानी आतंकवादियों के कश्मीर घाटी में भेजे जाने की जानकारी दी. साथ ही हरकत उल मुजाहिद्दीन (एचयूएम) और हरकत उल जेहाद ए इस्लामी (हूजी) के हरकत उल अंसार में विलय की भी जानकारी दी. वह हरकत उल अंसार का सरगना था.