नई दिल्ली: ऐसे समय में जब पूर्वोत्तर के कई संगठन नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, सोमवार को निखिल भारत बंगाली उदबस्तु समन्वय समिति ने विधेयक में राहत देने की मांग की है. समिति ते सदस्यों ने दिल्ली में इसको लेकर प्रदर्शन किया है.
देश की राजधानी दिल्ली मेें समित के हजारों सदस्यों ने अपनी मांग का समर्थन में प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में लगभग 18 राज्यों से सदस्य ने हिस्सा लिया. इस दौरान समिति के सदस्यों ने गृहमंत्री अमित शाह को ज्ञापन भी सौंपा.
इस विधेयक को केवल तथाकथित प्रवासियों को प्राकृतिककरण के माध्यम से नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य बनाने के लिए प्रस्तवित किया गया है.
निखिल भारत बंगाली उदबस्तु समन्वय समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध बिस्वास ने कहा कि यह साफ है की ज्यादातर प्रवासी और शरणार्थी सरकार द्वारा नागरिकता प्रमाण पत्र पाने के लिए जटिल प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाएंगे. जिसकी वजह से उन्हे डर है की अगर इस समय पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू हुई तो वे उनका नाम लिस्ट में नहीं शामिल होगा और वो बेघर हो जाएंगे.