हैदराबाद : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन है. इस दौरान शराब की दुकानें भी बंद हैं. शराब पीने वालों को शराब नहीं मिल रही है, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन में शराब नहीं मिलने से आत्महत्या की खबरें भी सामने आ रही हैं. अभी तक कई राज्यों से ऐसी घटनाएं सुनने को मिल रही हैं.
लॉकडाउन में शराबी घर पर पड़े शेविंग लोशन, वॉर्निश जैसी वस्तुओं को शराब नहीं मिलने की वजह से इनका इस्तेमाल करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. दूसरी तरफ नशेड़ियों की वजह से अल्कोहल एडिक्शन सेंटर और हेल्पलाइन भी व्यस्त हो गए हैं.
लॉकडाउन के कारण शराब की दुकानों पर ताला लगा हुआ है. यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि एक नशेड़ी शराब के बिना कितना परेशान है. समय पर शराब नहीं मिलने के कारण शराबी लोग दुसरी चीजों का सेवन कर रहे हैं. यह काफी खतरनाक है क्योंकि शराब नहीं मिलने के कारण इस तरह के लोग आत्महत्या का प्रयास करने से नहीं चूक रहे हैं.
लॉकडाउन के कारण तमिलनाडु और केरल में दो लोगों ने अपनी जान दे दी. वहीं दूसरी तरफ छह युवक जिन्हें शराब की बुरी लत थी, समय पर शराब नहीं मिलने की वजह से दूसरी चीजों का सेवन करके मौत को गले लगा लिया. शराब पीने की यह बुरी लत लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख देती हैं.
राज्यों में शराब से प्राप्त होनेवाला राजश्व
केरल में 2018-19 में रिकॉर्ड 14 हजार 508 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई थी और इस अवधि के दौरान राज्य के उत्पाद शुल्क से सरकार का राजस्व 2,521 करोड़ रुपये था.
एक अनुमान के मुताबिक राज्य में लगभग 1.6 मिलियन शराब पीने वाले हैं. मनोचिकित्सकों और सामाजिक वैज्ञानिकों का कहना है कि उनमें से लगभग 45 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो शराब की लत में बुरी तरह घिर चुके हैं.
सरकार द्वारा संचालित तमिलनाडु राज्य विपणन निगम ने भारतीय निर्मित विदेशी स्प्रीट और बीयर उत्पादों पर 31,757 करोड़ रुपये का कारोबार किया और सरकार ने 2017-18 के लिए 26,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया.
तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TASMAC) जिसका राज्य में मादक पेय पदार्थों के थोक और खुदरा बिक्री पर एकाधिकार है. 11 आईएमएफएस विनिर्माण इकाइयों, सात बीयर निर्माताओं और तमिलनाडु में एक शराब बनाने वाली इकाई से IMFS, बीयर और वाइन खरीदता है.
अपनी 35 वीं वार्षिक रिपोर्ट (2017-18) जो कि तमिलनाडु विधानसभा के पटल पर रखी गई. TASMAC ने अपनी प्रदर्शन रिपोर्ट में, अपने टर्नओवर और राजस्व के बारे में जानकारी दी.
वर्ष 2017-18 के दौरान IMFS और बीयर उत्पादों का बिक्री कारोबार 31,757.71 करोड़ रुपये था.
त्यौहारों पर शराब की बिक्री
तमिलनाडु में दीपावली की छुट्टियों के दौरान शराब की बिक्री का लक्ष्य 455 करोड़ रुपये से अधिक है.
खुदरा दुकानों को चलाने वाली तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TASMAC) ने दीवाली के दौरान रिकॉर्ड को तोड़ दिया. सूत्रों की माने तो 25 अक्टूबर को शराब की बिक्री 100 करोड़ रुपये थी 26 अक्टूबर को 183 करोड़ रुपये और 27 अक्टूबर को 172 करोड़ रु तक रही.
केरल में इस ओणम में लगभग 500 करोड़ मूल्य की शराब की बिक्री हुई.
केरल स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन (बेवको) जिनका राज्य में शराब की खुदरा एकाधिकार है, का कहना था कि पिछले एक सप्ताह में उनके आउटलेट के माध्यम से शराब की बिक्री से होने वाली आय, 2018 के आंकड़े के अनुमानित 30 करोड़ से अधिक हो गई है.
देश में शराब के शौकीन
दुनिया में उत्पादित शराब का पांचवां हिस्सा भारतीयों द्वारा सेवन किया जाता है. हालांकि, भारत में आर्थिक उदारीकरण के बाद से, आईएमएफएल और आयातित शराब का बाजार तेजी से बढ़ा है. भारत में एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का एक अध्ययन अनुसार शराब उद्योग का साल-दर-साल 30 प्रतिशत विस्तार हो रहा है.