श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से घाटी में उत्पन्न गतिरोध तीन माह बाद भी कायम है. संचार सेवाओं की बात करें तो पोस्ट-पेड वॉयस कॉल बहाल होने के 15 दिन बाद भी राज्य में प्री-पेड मोबाइल कनेक्शनों के फिर शुरू होने के कोई संकेत नहीं हैं, सोमवार को लगातार 85 वें दिन घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा.
सच पूछें तो कश्मीर की अवाम को अनुच्छेद 370 हटने के बावजूद खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्री-पेड मोबाइल सेवा न शुरू होने से लोगों को असुविधा हो रही है. वहीं ठप यातायात और कारोबार से अब तक जम्मू-कश्मीर को 10000 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
गौरतलब है कि कश्मीर में कम से कम 25 लाख प्री-पेड सेल फोन उपभोक्ता हैं. स्कूल की शिक्षिका आसिया फिरदौस ने इसे भेदभावपूर्ण निर्णय करार देते हुए कहा कि अगर पोस्ट-पेड मोबाइल सेवाओं की बहाली में कोई समस्या नहीं है, तो प्री-पेड सर्विस सुरक्षा का खतरा कैसे पैदा करती है?
आपके बता दें कि केंद्र ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने से एक दिन पहले घाटी में संचार सेवाओं पर पाबंदी लागू कर दी थी.
एसएमएस सुविधा के बिना पोस्ट-पेड सेल फोन को लैंडलाइन खोलने के दो महीने बाद सक्रिय किया गया था.