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जानें, किस कारण से 71 सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने फिर से पीएम मोदी को लिख डाला पत्र

71 सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री मोदी को खुला खत लिखा है. ये पत्र उन्होंने INX मीडिया मामले में पूर्व अधिकारियों पर मुकदमा चलाने को लेकर लिखा है. जानें क्या है पूरा मामला...

प्रधानमंत्री मोदी

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Published : Oct 5, 2019, 5:14 PM IST

Updated : Oct 5, 2019, 5:40 PM IST

नई दिल्ली: INX मीडिया मामले में चार पूर्व अधिकारियों पर मुकदमा चलाने को लेकर 71 सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने अपनी चिंता व्यक्त की. इसके चलते उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को खुला खत लिखा है.

बता दें, 71 सेवानिवृत्त नौकरशाहों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए इस पत्र में इस तरह की कार्रवाई परिश्रमी और ईमानदार अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने में हतोत्साहित करेगी.

इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि कि संकीर्ण राजनीतिक फायदों के लिए पूर्व व मौजूदा अधिकारियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है.

लेटर में नौकरशाहों ने कहा है कि इन अफसरों पर केस दर्ज करने के गंभीर परिणाम होंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नीतिगत पंगुता को दूर करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में पिछले साल संशोधन किया था.

खबरों की मानें तो, इसमें रिटायर्ड अधिकारियों या सेवारत अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने से पहले सरकार से अनुमति लेने की बात कही गई थी. लेकिन मौजूदा कदम सरकार के प्रयासों को नुकसान पहुंचाएगा.

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गौरतलब है कि सरकार ने INX मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी देने के मामले में पिछले महीने सीबीआई को सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के पूर्व सचिव अनूप के. पुजारी, नीति आयोग की पूर्व मुख्य कार्याधिकारी सिंधु खुल्लर, आर्थिक मामले विभाग में पूर्व अवर सचिव रबींद्र प्रसाद और वित्त मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक प्रबोध सक्सेना पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.

वहीं मोदी सरकार ने इसी साल फरवरी में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर भी मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था.

71 सेवानिवृत्त नौकरशाहों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए इस खुले पत्र में कहा गया है कि यदि परिश्रमी और ईमानदार अधिकारियों को तत्कालीन सरकार के नीतिगत निर्णयों को क्रियान्वित करने के अलावा बिना किसी गलती के चुनिंदा ढंग से निशाना बनाया जाता है, तो सेवारत अधिकारियों का स्वाभाविक रुप से उत्साह कम होगा और इस वजह से उन्हें निराशा झेलनी पड़ सकती है.

Last Updated : Oct 5, 2019, 5:40 PM IST

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