नई दिल्ली : कोविड-19 वैश्विक महामारी ने विदेशों में पढ़ने की इच्छा रखने वाले 48 प्रतिशत से अधिक भारतीय छात्रों का निर्णय प्रभावित किया है. विश्वभर में उच्च शिक्षा संस्थाओं का विश्लेषण करने में विशेषज्ञता रखने वाली और इन संस्थाओं को रैंकिंग देने वाली ब्रितानी कंपनी क्वाक्वैरली साइमंड्स (क्यूएस) की रिपोर्ट में यह कहा गया है.
क्यूएस के विशेषज्ञों का कहना है कि विदेश में महंगी पढ़ाई में निवेश पर मिलने वाला लाभ कम होना और कोविड-19 के बाद रोजगार के अवसर कम हो जाना अहम कारण हैं. इनकी वजह से विदेश में पढ़ने की छात्रों की योजनाएं प्रभावित हुई हैं.
‘भारतीय छात्रों की गतिशीलता रिपोर्ट 2020, उच्च शिक्षा विकल्पों पर कोविड-19 का प्रभाव’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, 'हमारे निष्कर्ष दर्शाते हैं कि विदेश पढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्रों में से 48.46 प्रतिशत छात्रों की इस संबंधी योजना कोरोना वायस के कारण प्रभावित हुई है. विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के अलावा अन्य विषयों के ऐसे छात्रों की बड़ी संख्या है जो भारत के बाहर उच्च-शिक्षा हासिल करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रहे हैं.'
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