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इमरजेंसी के 44 साल,  'लोकतंत्र के लिए लड़ने वाले नायकों को नमन'

आज से ठीक 44 साल पहले देश में आपातकाल यानी इमरजेंसी लगा दी गई थी. इसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन भी कहा जाता है. इसे लेकर आज पीएम मोदी से लेकर कई दिग्गज नेताओं ने ट्वीट किया. उन्होंने लोकतंत्र के लिए लड़ने वाले नायकों को नमन किया है.

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Published : Jun 25, 2019, 2:12 PM IST

नई दिल्ली: देश के लोकतंत्र में काले दिन के तौर पर याद किए जाने वाले (25 जून)आपातकाल को आज 44 साल पूरे हो गए हैं. आज ही के दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी का ऐलान किया था.

फाइल वीडियो.

इस मौके पर पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने अपनी राय रखी.

पीएम मोदी ने शेयर की वीडियो.

प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल के दौर को दिखानेवाले वीडियो शेयर करते हुए कहा कि तानाशाही मानसिकता के खिलाफ आवाज उठाने वाले सभी नायकों को भारत आज भी याद करता है.

पीएम नरेंद्र मोदी का ट्वीट.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'भारत उन सभी महान लोगों को सलाम करता है जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ मुखरता और निडरता के साथ संघर्ष किया. भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने तानाशाही मानसिकता का सफलता से सामना किया.'

केंद्रीय मंत्री अमित शाह का ट्वीट.

केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी इस पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि 1975 में आज ही के दिन मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए देश के लोकतंत्र की हत्या की गई. देशवासियों से उनके मूलभूत अधिकार छीन लिए गए, अखबारों पर ताले लगा दिए गए. लाखों राष्ट्रभक्तों ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए अनेकों यातनाएं सहीं, मैं उन सभी सेनानियों को नमन करता हूं.

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का ट्वीट.

वहीं, राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, '25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा और इसके बाद की घटनाएं, भारत के इतिहास के सबसे गहरे अध्यायों में से एक के रूप में चिह्नित हैं. इस दिन, हमें भारत के लोगों को हमेशा अपने संस्थानों और संविधान की अखंडता को बनाए रखने के महत्व को याद रखना चाहिए.'

जगत प्रकाश नड्डा का ट्वीट.

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा करार देते हुए ट्वीट किया कि वर्ष 1975 में, आज के दिन निहित राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा की गई आपातकाल की घोषणा, भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है। मैं नमन करता हूं, उन सत्याग्रहियों को जिन्होंने मजबूती से इस अंधकाल में लोकतंत्र की आग को जलाए रखा था.

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1977 में आपातकाल हटाने के बाद हुए चुनावों में इंदिरा गांधी की जबरदस्त हार हुई थी. देश में पहली बार जनता पार्टी के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ था. आपातकाल लगाने के लिए देश में इंदिरा की काफी आलोचना हुई थी.

बता दें कि आपातकाल के दौरान विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं जैसे जयप्रकाश नारायण लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिज, शरद यादव समेत कई दिग्गज नेताओं को जेल भी जाना पड़ा था.

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