देहरादून: राजधानी देहरादून के रायपुर ब्लॉक क्षेत्र में रहने वाली रेखा कठैत ने उन सभी लोगों के लिए मिसाल कायम की है जो एक उम्र के बाद पढ़ने लिखने को गलत मानते हैं या शर्म महसूस करते हैं. देहरादून की रेखा कठैत भले ही बच्पन में अपनी पढ़ाई पूरी न कर सकी हों, लेकिन आज 40 साल की उम्र में उन्होंने एक बार फिर पढ़ाई शुरू की है और समाज में 'पढ़ाई के लिए कोई उम्र नहीं होती हैं' इस मिसाल को साबित कर दिखाया.
दरअसल, रायपुर ब्लॉक क्षेत्र में रहने वाली रेखा कठैत ने अपना एडमिशन पास के ही एक जूनियर स्कूल में करवाया है. यह बात आपको भले ही असामान्य लगे, लेकिन हकीकत में रेखा ने ऐसा करके एक मिसाल कायम की है.
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दरअसल, रेखा कठैत 40 साल की महिला हैं और उन्होंने रायपुर ब्लॉक के बडेरना जूनियर स्कूल में कक्षा 8 में प्रवेश लिया है. खास बात यह है कि रेखा के छोटे बेटे आकाश भी इसी स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ते हैं.
रेखा का कहना है कि बचपन में किसी कारणवश उनकी पढ़ाई सातवीं तक ही हो पाई और इसके बाद वो आगे स्कूल नहीं जा सकीं लेकिन उनके दिल में हमेशा से ही आगे पढ़ने की इच्छा रही. इस इच्छा को जब रेखा ने अपने पति के सामने रखा तो उनके पति ज्ञान सिंह ने भी पत्नी का साथ देते हुए उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. फिर क्या था रेखा ने अपने बेटे के स्कूल में ही कक्षा 8 में एडमिशन ले लिया और अब वह आगे की पढ़ाई जारी रखने की कोशिश में है.
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आपको बता दें, रेखा मूल रूप से टिहरी जिले की रहने वाली हैं और रेखा के बड़े बेटे कक्षा 10 में पढ़ते हैं. रेखा ने जब स्कूल में एडमिशन लिया तो स्कूल प्रबंधन भी यह देखकर काफी हतप्रद था. हालांकि उप शिक्षा अधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद महिला को स्कूल में एडमिशन दे दिया गया और अब रेखा नियमित रूप से स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं.