हैदराबाद. विश्व पुस्तक दिवस को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के रूप में भी जाना जाता है. विश्व का महान लेखक विलियम शेक्सपियर का निधन 23 अप्रैल 1616 को हुआ था.साहित्य की जगत में शेक्सपियर का जो कद है, उसको देखते हुए यूनेस्को ने 1995 से और भारत सरकार ने 2001 से इस दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की.
प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को पुस्तक दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के द्वारा पढ़ने प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक साल 23 अप्रैल की निर्धारित तिथि को विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन किया जाता है.
विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि यह कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगांठ थी. किताबों और लेखकों को स्मरण करने के उद्देश्य से इस तारीख की घोषणा की गई.
जानकारी के लिए बताते चलें कि शेक्सपीयर का निधन हुआ 23 अप्रैल 1616 को हुआ था. शेक्सपीयर एक ऐसे महान लेखक थे, जिनकी कृतियों का अनुवाद विश्व की अधिकतर भाषाओं में हुआ. शेक्सपीयर ने अपने जीवन काल में करीब 35 नाटक और 200 से अधिक कविताएं लिखीं.
पाठक उन सभी महान हस्तियों को याद रखें, जिन्होंने अपने जीवनकाल में विश्व को कई प्रमुख, रचनाओं से नवाजा था. इसलिए 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाने का फैसला लिया गया.
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाने का उद्देश्य-
कहते हैं किताब मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र होता है. वह किसी भी परिस्थिति में इंसान का साथ नहीं छोड़ता है. विश्व पुस्तक दिवस पर हम उन महान लोगों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से दुनिया को एक नई राह दिखाई.