नई दिल्ली: पिछले तीन दशकों से भारतीय चुनावी इतिहास में अपनी पार्टी, राज्य और संसदीय क्षेत्र की आवाज बनने वाले कुछ प्रमुख चेहरे इस बार संसद में नजर नहीं आएंगे.
इनमें भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, हुकुमदेव नारायण यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, कांग्रेस के सदन में नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और उपनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रमुख हैं.
जहां एक तरफ भाजपा ने कई दिग्गजों को इस बार टिकट नहीं दिया , वहीं मोदी के आलोचक रहे आलोचक देवेगौड़ा, खड़गे और सिंधिया को हार का सामनै करना पड़ा.
भाजपा से आडवाणी के अलावा जोशी, महाजन, शांता कुमार, कलराज मिश्र, भगत सिंह कोश्यारी इस बार चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला.