अलप्पुझा : वर्ष 2018 में विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आए केरल की मदद के लिए ईनाडु- रामोजी ग्रुप ने हाथ बढ़ाया और बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 121 घरों का निर्माण कराया. केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने आज लाभार्थियों को घर की चाबी सौंपी.
उल्लेखनीय है केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए केरल सरकार के बाद रामोजी ग्रुप द्वारा शुरू की गई यह दूसरी सबसे बड़ी आवासीय परियोजना है.
बाढ़ पीड़ितों को घरों की चाबी सौंपते सीएम पिनाराई विजयन रविवार को ईनाडु के प्रबंध निदेशक (एमडी) किरण ने ईनाडु संस्था द्वारा बनवाए गए घरों का दौरा किया. किरण ने मारीयाकुलम में लाभुक परिवारों से मुलाकात की.
कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि मारीयाकुलम में एमडी किरण के साथ ईनाडु तेलंगाना के संपादक डीएन प्रसाद, मार्गदर्शी के उपाध्यक्ष राजाजी भी मौजूद रहे.
मारीयाकुलम में लाभार्थियों से मुलाकात इस परियोजना को पूरा करने के लिए एक वर्ष की समय सीमा तय की गई थी, लेकिन इसे केवल आठ महीनों में ही पूरा कर लिया गया. इस परियोजना में अलप्पुझा के पूर्व उप-कलेक्टर वी.आर. कृष्णा तेजा ने निर्माण के लिए भूमि की पहचान करने से लेकर निर्माण पूरा करने तक, पूरे अभियान में अपना समन्वय दिया.
इन आवासों की विशेषता यह है कि मकानों का बेसमेंट जमीनी स्तर से डेढ़ मीटर ऊंचा बनाया गया है, ताकि वे फिर से बाढ़ की चपेट में न आएं.
ईनाडु-रामोजी ग्रुप ने की केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद. बता दें कि पिछले साल जब यहां के ज्यादातर घर बाढ़ में बह गए, तो ये घर बिना जलभराव के सुरक्षित ज्यों के त्यों खड़े रहे. ये घर कितने मजबूत हैं, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि कई निर्माण विशेषज्ञों ने भी अलप्पुझा में इसी मॉडल पर घरों के निर्माण का सुझाव दिया है.
इन घरों के निर्माण का कार्य एक महिला स्वयं-सहायता समूह, कुदुम्बश्री के निर्माण विंग को सौंपा गया था, जिसने सामग्रियों की गुणवत्ता के साथ समझौता किए बिना बहुत ही कम लागत में तय समय सीमा के अंदर कार्य पूरा कर दिया.
शुरुआत में 116 घरों के निर्माण की योजना थी, लेकिन कुदुम्बश्री के सदस्य प्रत्येक इकाई की लागत को कम करने में कामयाब रहे. इस वजह से वे आवंटित बजट में पांच और घरों का निर्माण करने में कामयाब रहे.
इस पूरी परियोजना में करीब 7.77 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च हुआ है. इस परियोजना का कार्य केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के एक अनुरोध पर कुदुम्बश्री के निर्माण विंग को दिया गया था.
ईनाडु-रामोजी समूह ने दुनियाभर में अपने पाठकों और अपने कर्मचारियों से सहायता राशि एकत्रित कर इस बाढ़ राहत परियोजना के लिए धन जुटाया और इस नेक काम में सभी ने उदारता दिखाते हुए बढ़ चढ़कर अपना योगदान दिया.
वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब ईनाडु-रामोजी ग्रुप ने इस तरह के कार्यों में भागीदारी की हो. वह पहले भी इस तरह की परोपकारी परियोजनाओं में शामिल होता रहा है.
इससे पहले ईनाडु-रामोजी ग्रुप ने गुजरात के कच्छ में आए भूकम्प के बाद मदद की थी. इसके अलावा जब ओडिशा को भयंकर चक्रवाती तूफान का सामना करना पड़ा था, तब भी ईनाडु-रामोजी ग्रुप मदद के लिए आगे आया था. वहीं, जब तमिलनाडु के तटीय इलाकों में सुनामी का कहर बरपा था, आंध्र प्रदेश में जब हुद हुद तूफान ने तबाही मचाई थी और जब कृष्णा और गोदावरी नदियों में विनाशकारी बाढ़ आई थी, उस समय भी ईनाडु-रामोजी ग्रुप मदद के लिए सबसे आगे रहा था.
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गौरतलब है कि राहत कार्यों के लिए ईनाडु-रामोजी ग्रुप द्वारा किया गया यह 10वां प्रोजेक्ट है.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन अलप्पुझा के पथिरापल्ली में रविवार को आयोजित एक समारोह में चयनित लाभार्थियों को घरों की चाबियां सौंपेंगे. इस समारोह में ईनाडु के प्रबंध निदेशक सी.एच. किरण, मार्गदर्शी चिट फंड की प्रबंध निदेशक शैलजा किरण, केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक, पीडब्ल्यूडी और पंजीकरण मंत्री जी. सुधाकरन, नागरिक आपूर्ति मंत्री पी. थिलोथमान, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला, कई संसद सदस्य, विधायक, प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेता और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उपस्थित रहेंगे.