तिरुवनंतपुरम:करीब छह महीने पहले यशोदा डी शिनॉय, एक 12 साल की लड़की ने मटनचेर्री स्थित अपने घर की ऊपर एक लाइब्रेरीशुरू की है. इस लाइब्रेरी में कोई भी जा सकता है. यह लाइब्रेरी हर रोज सुबह नौ बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहती है.
बता दें कि यशोदा आठ साल की उम्र से ही किताबें पढ़ती है. एक दिन उसने देखा कि उसके पिता लाइब्रेरी से लाई एक किताब के बकाए का भुगतान कर रहे थे. यह देख उसने अपने पिता से पूछा कि आपने किताबों के लिए भुगतान क्यों किया,तो उसके पिता ने जवाब दिया कि 'कोई किताब मुफ्त नहीं आती.'
जब उसे पता चला कि पुस्तकालय की बकाया राशि और गरीबों के कारण गरीब लोगों को पढ़ने के लिए किताबें नहीं मिल पाती तो उसने एक लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया. उसने इस बारे में अपने पिता को बताया.
पुस्तकालय खोलने के लिए उसने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी और लोगों से किताबें मांगी. इस पोस्ट को पढ़ते ही लोगों ने अलग अलग जगह से किताबें भेजना शुरू करदी.