रायपुर: खेलने कूदने की उम्र में स्वच्छता का संदेश. जी हां ये हैं रायपुर की केसरी जो छोटी उम्र में पूरे देश को साफ सफाई का बड़ा संदेश दे रही है..और पॉलिथीन के खिलाफ लोगों को जागरुक कर रही है, ताकि साफ सफाई के साथ आम लोग पर्यावरण को लेकर सजग हो सकें. पढ़ने लिखने की उम्र में केसरी ने सिलाई मशीन को अपना औजार बना लिया है और खुद कपड़े के थैले को सिल रही है, ताकि लोग पॉलिथीन की जगह कपड़े के थैले का इस्तेमाल कर सकें और शहर, कस्बे प्रदूषित होने से बच जाएं.
बच्ची करती है कपड़े के थैले लेने की अपील
जब बच्ची से पूछा गया कि तुम इतनी कम उम्र में थैला क्यों सिल रही हो, तो उसका जवाब था कि राजधानी को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए वह यह काम कर रही है. साथ ही उसने बताया कि पॉलीथीन से कई तरह की परेशानी होती है. गाय इसे खाकर बीमार हो जाती है. इसकी वजह से वह लोगों से पॉलीथिन की जगह कपड़े का थैला इस्तेमाल करने की अपील करती है.
झोपड़ीनुमा दुकान में बनाते हैं थैले
केसरी रायपुर के बृजनगर में रहने वाले एक छोटे से परिवार की बेटी है. केसरी के पिता का नाम रामखिलावान देवांगन और मां का नाम मंजू देवांगन है. ये पूरा परिवार मोती नगर स्थित सड़क के किनारे एक झोपड़ीनुमा दुकान में कपड़े का थैला सिलकर बेचने का काम करते हैं और उनके इस काम में केसरी भी बराबर का सहयोग करती है. वह अपने नाजुक हाथों से मशीन चलाते हुए थैला सिलती है और उसे बेचती है.