भोपाल : राम भक्तों का वर्षों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आज भूमि पूजन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे, लेकिन इस खुशी के लिए सैकड़ों कारसेवकों और रामभक्तों ने लंबी लड़ाई लड़ी है, कितनों ने बलिदान तक दिया है. मंदिर के लिए करोड़ों लोगों ने आंदोलन किए और गोलियां खाई. ऐसी ही एक कारसेवक हैं खजुराहो निवासी 102 साल की हरबी बाई. जिनके जहन में आज भी आंदोलन की यादें जिंदा हैं.
102 साल की हरबी बाई एक ऐसी कार सेवक हैं, जो इस समय शायद सबसे बुजुर्ग कारसेवकों में से एक हैं. हरबी बाई बताती हैं कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है. सालों के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होना है. जिसको लेकर सभी जनमानस में बेहद खुशी है. वैसे तो हरबी बाई बहुत उम्र दराज हो चुकी हैं. उनकी याददाश्त भी कमजोर हो चुकी है, लेकिन राम मंदिर आंदोलन की बात जैसे ही आती है. हरबी बाई खुश हो जाती हैं. पुराने दिनों को याद करते हुए वह बताती हैं कि 1992 की उस घटना को वह कभी नहीं भूल सकती. जब हजारों की संख्या में लोग उमा भारती के साथ गए थे और विवादित ढांचे को तोड़कर सरयू नदी में फेंक दिया था.