हैदराबाद : गलवान घाटी में 15 जून को चीनी पीएलए सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 16 वीं बिहार रेजिमेंट के एक कमांडिंग ऑफिसर सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए. भारत और चीन ने सैन्य अधिकारियों और राजनयिक स्तरों पर कई बैठकें की. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की भी बैठकें हुई. दोनों देशों द्वारा पांच मुद्दों पर बनी सहमति के बाद भी, विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख में स्थिति गंभीर नजर आती है.
गलवान हिंसा के बाद क्या हुआ
भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के बाद मिलिट्री स्तर की वार्ता में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर बात हुई. चीनी सैनिक पीछे नहीं हटे.
22.06.2020 : भारतीय और चीनी दोनों पक्षों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने तनाव को कम करने के लिए बैठकें की.
23.06.2020 : भारतीय और चीनी सेना के कमांडरों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के क्षेत्रों से सेना को पीछे हटाने को लेकर सहमति हुई.
30.06.2020 : भारत और चीन ने लद्दाख के चुशुल में तीसरी लेफ्टिनेंट जनरल वार्ता की.
07.07.2020 : सैनिकों के पीछे हटने के बाद तीन प्रमुख बिंदुओं पर एक बफर जोन बना दिया गया. भारतीय वायुसेना ने दिन-रात सभी मौसम से निपटने वाले मिशन चलाए. मिग -29 जेट्स, सुखोई 30s, अपाचे और चिनूक चॉपर्स तैनात किए.
08.07.2020 : गलवान वैली, हॉट स्प्रिंग्स एरिया (Hot Springs Area) और गोगरा (Gogra) और पेगौंग त्सो क्षेत्र से दोनों देशों की सेना ने पीछे हटना शुरू किया.
14.07.2020 : पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चौथी कमांडर स्तर की वार्ता हुई. दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों ने घंटों तक बैठक की.
30.07.2020 : भारत ने चीनी सेना के पीछे हटने पर किए गए चीन के दावों को खारिज कर दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि विघटन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है.
21.08.2020 : चीन ने उत्तराखंड के लिपुलेख क्षेत्र में सैन्य बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से मिसाइल साइट्स पर काम करना शुरू किया.
29.08.2020 : नई मिसाइल साइट्स डोकलाम और नाकू ला के पास स्थित हैं, जहां 9 मई को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी.
29-30 अगस्त की रात को पैंगोंग त्सो क्षेत्र में चीन ने आक्रामक रवैये अपनाया. पीएलए के सैन्य दलों ने उस सहमति का उल्लंघन किया जो पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के दौरान सैन्य एवं कूटनीतिक बातचीत के दौरान बनी थी. चीनी सैनिकों ने यथास्थिति को बदलने के लिए उकसावे की सैन्य गतिविधियां कीं. लगभग 200 चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के प्रयास कर रहे थे.
30.08.2020 : भारतीय सेना ने चीनी घुसपैठ को नाकाम किया और दक्षिण पैंगोंग त्सो की ऊंचाइयों पर कब्जा किया.
02.09.2020 : दोनों पक्षों के ब्रिगेड कमांडर-रैंक के अधिकारियों ने तीसरी बार चुशुल में तनाव को कम करने को लेकर बैठक की. नतीजा कुछ नहीं निकला.
07.09.2020 : 45 साल बाद एलएसी पर गोलीबारी हुई. चीनी सैनिकों ने भारत के नियंत्रण वाले एक फॉरवर्ड पोजिशन पर कब्जा करने की नाकाम कोशिश के बाद भारतीय सैनिकों को डराने-धमकाने के लिए हवाई फायर किए.
09.09.2020 : चीन के इस डराने वाले कदमों के बाद भारतीय सेना ने टैंक, सेना के लड़ाकू वाहनों को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, जबकि पीएलए ने फिंगर फोर क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती को बढ़ा दिया. भारत ने पूर्वी लद्दाख में आगे के क्षेत्रों में तैनात अपने सैनिकों को सहायता प्रदान करने के लिए तैयारी शुरू की.
लद्दाख यात्रा के दौरान भारतीय सेना प्रमुख के बयान
04.09.2020 : भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चुनाव लड़ने की स्थिति नाजुक और गंभीर है और सेना ने चीनके साथ गतिरोध को देखते हुए लद्दाख सेक्टर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाए हैं.
चीनी आक्रमण पर सरकार की प्रतिक्रिया
20.06.2020 : भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के नियमों में बदलाव किया. इससे एलएसी पर तैनात कमांडरों को कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता दी गई.
01.07.2020 : भारत चीन के खिलाफ आर्थिक आक्रमण का प्रयास किया. चीनी कंपनियों को भारतीय राजमार्ग परियोजनाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई, चीन, भारत में इन्वेस्ट नहीं कर सकेगा, चीन से आयत रोक दी गई.
29.06.2020 : भारत सरकार ने 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया जिसमें ज्यादातर चीनी एप जैसे कि टिक टोक, यूसी ब्राउजर और वीचैट शामिल थे.