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हमारे जांबाजों ने दिया था चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब - dispute of india china in ladakh

लद्दाख की गलवान घाटी में विगत 14-15 जून की दरम्यानी रात हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारतीय सेना के 20 जांबाज वीरगति को प्राप्त हुए थे. इस झड़प में 45 चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात भी सामने आई थी, हालांकि चीन ने इसे स्वीकार नहीं किया था. बाद में चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात मानी, लेकिन संख्या नहीं बताई. इस घटना की जड़ में चीन की सेना-पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की धूर्तता रही थी. भारत के सैनिकों ने चीन की चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब दिया था. आज इस घटना के 100 दिन पूरे हो चुके हैं. ईटीवी भारत ने यह जानने का प्रयास किया है कि जवानों की शहादत के बाद समाज और सरकार की ओर से कैसी प्रतिक्रिया सामने आई. पढ़ें विशेष रिपोर्ट...

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भारत चीन एलएसी विवाद

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Published : Sep 22, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Sep 22, 2020, 7:09 PM IST

हैदराबाद : चीन अपनी विस्तारवादी नीति को लेकर अक्सर आलोचकों के निशाने पर रहा है. चीन की इसी नीति और अड़ियल रवैये के कारण लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत और चीन के बीच गतिरोध उपजा है. चीन के आक्रामक रूख के कारण शांति भंग की आशंका भी लगातार बनी हुई है.

दरअसल, दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच सैन्य, राजनयिक और अन्य स्तर पर वार्ता कर गतिरोध दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, इन सबके बीच भूतकाल की कुछ ऐसी घटनाएं हैं, जिससे कभी न भरा जा सकने वाला शून्य पैदा हो गया है. कई परिवारों ने अपने चिराग खो दिए हैं. सर्वोच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों व इनके परिवारों का देश हमेशा ऋणी रहेगा.

गलवान हिंसा के बाद सरकार की प्रतिक्रिया

  • 20.06.2020 : भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के नियमों में बदलाव किया. इससे एलएसी पर तैनात कमांडरों को कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता दी गई.
  • 01.07.2020 : भारत चीन के खिलाफ आर्थिक आक्रमण का प्रयास किया. चीनी कंपनियों को भारतीय राजमार्ग परियोजनाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई, चीन, भारत में इन्वेस्ट नहीं कर सकेगा, चीन से आयत रोक दी गई.
  • 29.06.2020 : भारत सरकार ने 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया जिसमें ज्यादातर चीनी एप जैसे कि टिक टोक, यूसी ब्राउजर और वीचैट शामिल थे.
  • 02.09.2020 : भारत ने लोकप्रिय गेम पबजी (PUBG) सहित 118 चीन मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया.

कूटनीतिक और विदेशी स्तर की बातचीत

  • 06.07.2020 : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वानाफ यी से बात की जिसके बाद चीन और भारत की सैन्य टुकड़ियां पीछे हटीं.
  • 03.09.2020 : चीनी रक्षा मंत्री ने रूस में चल रहे सीओ ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की.
  • 04.09.2020 : राजनाथ ने मॉस्को में एलएसी तनाव के बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान चीन समकक्ष से मुलाकात की. दो घंटे 20 मिनट तक चली बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलएसी पर यथास्थिति की बहाली के लिए जोर दिया.

भारत और चीन के बीच संकट को कम करने पांच सूत्री सहमति

  • 10.09.2020 : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी ने तनाव को शांत करने दो घंटे तक एक महत्वपूर्ण बैठक की.
  • 11.09.2020 : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध के संबंध में एक पांच बिंदु पर सहमति हुई है, जिसमें सैनिकों का विघटन और तनाव कम करना शामिल है.

जवानों की शहादत के 100 दिन पूरे होने पर बीते कुछ दिनों में बलिदानियों के प्रति देश-समाज और सरकार के रूख की पड़ताल की है. एक नजर डालते हैं गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जांबाजों की पृष्ठभूमि पर

लद्दाख में शहीदों हुए जवानों की सूची

हिंसक झड़प में 16वीं बिहार रेजिमेंट के एक कमांडिंग ऑफिसर सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. तेलंगाना के रहने वाले कर्नल संतोष बाबू की शहादत के बाद तेलंगाना सरकार ने शहीद कर्नल के परिवार को पांच करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी थी.

शहीद कर्नल के परिवार को तेलंगाना सरकार की ओर से दी गई मदद

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शहीद के परिजनों से भेंट की थी. उन्होंने कहा था कि सीमाओं की सुरक्षा करने वाले बलों को यह संदेश दिया जाना चाहिए कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है. सरकार की ओर से शहीद कर्नल की पत्नी को समूह-1 की सरकारी नौकरी के साथ ही एक आवासीय भूखंड भी दिया गया.

एलएसी विवाद के बीच उपजे तनाव और हिंसक झड़प में तमिलनाडु के रामनाथपुरम में रहने वाले हवलदार पलानी (40) भी शहीद हुए थे. ड्यूटी पर तैनात होने के कारण पलानी अपने नए घर के गृहप्रवेश समारोह में वे शामिल नहीं हो पाए थे. उन्होंने अपने परिवार से जल्द लौटने का वादा किया था.

हवलदार पलानी की शहादत पर पसरा मातम (फाइल वीडियो)

पलानी 22 वर्षों से सेना में थे और परिवार के अनुसार अगले साल सेवानिवृत्त होने वाले थे. उनकी पत्नी ने कहा कि वह हमारे नवनिर्मित निवास के गृहप्रवेश समारोह में नहीं शामिल हो सके थे और अब वह हमारे साथ रहने के लिए कभी नहीं आएंगे.

अपनी पत्नी व बच्चों के साथ तमिलनाडु के हवलदार पलानी (फाइल फोटो)
Last Updated : Sep 22, 2020, 7:09 PM IST

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