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म्यांमार की हताश सेना ने लोकतंत्र समर्थक नेताओं पर लगाए तुच्छ आरोप

म्यांमार की सेना (जून्टा) ने तख्तापलट करने के बाद देश के लोकतंत्र समर्थक नेताओं के खिलाफ तुच्छ आरोप लगाए हैं. सेना द्वारा सत्ता हाथ में लेने से देश में पिछले 10 साल से प्रायोगिक रूप से चल रही लोकतांत्रिक प्रक्रिया भी रुक गई है. पढ़ें वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट...

म्यांमार तख्तापलट
म्यांमार तख्तापलट

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Published : Feb 4, 2021, 4:44 PM IST

Updated : Feb 4, 2021, 4:50 PM IST

नई दिल्ली : म्यांमार की सेना (जून्टा) ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पूरी तरह खत्म करने का एक और संकेत दिया है. जून्टा ने देश की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू-ची को नजरबंद करने साथ ही उनके खिलाफ बहुत ही तुच्छ आरोप लगाए हैं. यह जून्टा की अपार हताशा की तरफ इशारा करता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार की सेना, जिसे 'तातमाडो' भी कहा जाता है, द्वारा लगाए गए आरोपों के तहत नेशनल डेमोक्रेटिक लीग (एनएलडी) की नेता को देश के निर्यात और आयात कानून की धारा-8 के तहत दोषी ठहराया गया है. यह धारा बिना अनुमति के विदेशी संचार उपकरण रखने पर प्रतिबंधित करती है.

इंटरनेट पर प्रतिबंध के बीच, म्यांमार से सामने आईं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल आंग ह्लिंग के कार्यालय से मेजर रैंक के एक अधिकारी ने सोमवार की सुबह स्टेट काउंसलर सू-ची के घर की तलाशी ली थी. इस दौरान सू-ची की सुरक्षा टीम के पास से छह आईकॉम वॉकी टॉकी, गेट सिक्योरिटी टीम के पास तीन आईकॉम वॉकी टॉकी और अवैध रूप से आयातित एक वॉकी टॉकी तथा एक जम्पर सेट मिला था.

सू-ची पर लगाए गए आरोप उन्हें 15 फरवरी तक हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त होंगे.

जून्टा सेना ने म्यांमार के राष्ट्रपति विन म्यिंट के अलावा, सू-ची के निजी वकील यू न्यान विन और उनके चिकित्सक डॉ. टिन मायो विन को भी हिरासत में लिया है.

राष्ट्रपति विन म्यिंट के खिलाफ भी तुच्छ आरोप लगाए गए हैं. उन पर देश के प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून की धारा 25 के तहत आरोप मढ़ा गया है.

यह मामला 20 सितंबर, 2020 से संबंधित है, जब म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में एनएलडी का लगभग 220 कारों और 32 मोटरसाइकिलों का रोड शो राष्ट्रपति निवास से गुजरा था और राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और बेटी ने काफिले का स्वागत किया था.

आरोपों के मुताबिक, राष्ट्रपति विन म्यिंट ने उस समय स्वास्थ्य और खेल मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कोविड-19 रोकथाम नियमों का उल्लंघन किया था.

तख्तापलट के खिलाफ ऑनलाइन विरोध के बीच, जून्टा ने फेसबुक को रविवार तक बंद कर दिया है. जबकि इंस्टाग्राम, मैसेंजर और वॉट्सएप जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को केवल सरकारी इंटरनेट प्रदाता एमपीटी तक सीमित कर दिया गया है.

पढ़ें- म्यांमार में तख्तापलट से भारत को करना पड़ सकता है चुनौतियों का सामना

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, म्यांमार के लोगों ने ट्विटर, टेलीग्राम और सिग्नल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

म्यांमार की स्टेट काउंसलर सू-ची और राष्ट्रपति विन म्यिंट के अलावा, सेना द्वारा तख्तापलट के बाद हिरासत में लिए गए राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों में यू फ्यो मिन थीन (यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री), डॉ ज़ॉ म्यिंट मौंग (सीएम, मांडले क्षेत्र), डॉ. आंग मो न्यो (सीएम, मैगवे क्षेत्र), डॉ नान खिन ह्तवे म्यिंट (सीएम, कायिन राज्य), यू न्यी पू (सीएम, रखाइन राज्य), डॉ अये ज़ान (सीएम, मोन राज्य आदि शामिल हैं.

इसके अलावा यू माव (योजना और वित्त मंत्री, कयाह राज्य), यू सू न्युंट ल्विन (योजना और वित्त मंत्री, शान राज्य), यू हान थार म्यिंट (सदस्य, केंद्रीय कार्यकारी समिति, एनएलडी), यू न्युंट वाई (एनएलडी पार्टी के अध्यक्ष, श्वे दौंग), डॉ खिन साव वाई (संसद सदस्य), डॉ. मयो आंग (संसद सदस्य), मिन ह्तिन को-को गई (फिल्म निर्माता), मिन थवे थिट (छात्र नेता), यू को-को गई (नेता, पीपुल्स पार्टी) को हिरासत में लिया गया है.

Last Updated : Feb 4, 2021, 4:50 PM IST

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