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संयुक्त राष्ट्र ने सहयोगी संस्थाओं के जरिए निभाई अहम भूमिका

संयुक्त राष्ट्र का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में शांति-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाना है. इसके लिए संगठन ने अलग-अलग समय पर कई संस्थाओं के जरिए अहम कार्य किए हैं. स्वेज संकट को दूर करने के लिए पहली बार यूएन महासभा ने अपना आपातकालीन सत्र बुलाया था. आइए जानते हैं संयुक्त राष्ट्र के 10 अहम पड़ाव के बारे में.

संयुक्त राष्ट्र के 75 साल
संयुक्त राष्ट्र के 75 साल

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Published : Oct 25, 2020, 5:51 AM IST

Updated : Oct 25, 2020, 5:59 AM IST

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसे 24 अक्टूबर, 1945 को स्थापित किया गया था. दुनिया के 193 देश अभी इसके सदस्य हैं. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना है. आइए जानते हैं संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में 10 यादगार पलों के बारे में.

1. मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाया गया (1948)

संयुक्त राष्ट्र महासभा का उद्देश्य था कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए अत्याचार दोबारा नहीं हो. 10 दिसंबर 1948 को यूएन महासभा ने इसे अपनाया था. अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की विधवा एलेनोर रूजवेल्ट ने प्रारूपण समिति का नेतृत्व किया और घोषणा के मार्गदर्शक बल के रूप में पहचानी गईं.

2. शांति सेना की तैनाती (1956)

यूएन चार्टर में सश्स्त्र बलों की तैनाती की बारे में कुछ नहीं कहा गया है. हालांकि सुरक्षा परिषद इन्हें सामंजस्य स्थापित करने के लिए तैनात करता है.

स्वेज संकट को दूर करने के लिए पहली बार यूएन महासभा ने अपना आपातकालीन सत्र बुलाया था. अमेरिका के दबाव में मिस्र के खिलाफ हो रही कार्रवाई को रोका गया था. लड़ाई को समाप्त कराने के लिए पहली बार संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन बल को तैनात किया गया था.

3. विश्व खाद्य कार्यक्रम (1961)

1960 में अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट डी आइजनहावर ने महासभा को प्रस्ताव दिया कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के माध्यम से खाद्य सहायता प्रदान करने के लिए एक व्यावहारिक योजना तैयार की जानी चाहिए. अगले वर्ष प्रयोगात्मक स्तर पर तीन वर्षों के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई.

यह कार्यक्रम तुरंत सफल हो गया और कार्यक्रम के तहत 1962 में ईरान में आए भूकंप पीड़तों और एल्जीरिया के शरणार्थियों का खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई.

4. यूनिसेफ ने नोबेल शांति पुरस्कार जीता (1965)

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की स्थापना 1946 में हुई थी. उस समय यह युद्ध से प्रभावित बच्चों की सहायता में जुटा था. वर्ष 1953 में यह संयुक्त राष्ट्र का स्थाई हिस्सा बन गया.

1959 में महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाया, जिसको विश्वभर से समर्थन मिला. 1965 में यूनिसेफ को शांति पुरस्कार देते हुए नोबेल समिति ने राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ावे देने और विश्व के भविष्य बच्चों को मदद प्रदान करने के लिए संगठन की सराहना की. विश्व के 190 से ज्यादा देशों में बच्चों के अग्रणी संगठन हैं.

5. परमाणु हथियारों के अप्रसार पर संधि (1968)

जनवरी 1946 में संरा के पहले प्रस्ताव को अपनाया गया, जिसने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग और सामूहिक विनाश के हथियारों के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित किया था.

हालांकि इस संधि से परमाणु हथियारों का अप्रसार नहीं रुका, पर इसने एक अच्छी शुरुआत प्रदान की थी. तब से, दक्षिण अफ्रीका और कजाकिस्तान जैसे परमाणु-सशस्त्र देशों ने अपने परमाणु हथियारों को छोड़ने के लिए स्वेच्छा से सहमति व्यक्त की है. इसके अलावा अन्य देशों ने परमाणु-अनुसंधान कार्यक्रमों को समाप्त करने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा निरीक्षण किए जाने को मंजूरी दी है.

6. अंतरराष्ट्रीय महिला वर्ष (1975)

महासभा ने 1975 को अंतरराष्ट्रीय महिला वर्ष के रूप में नामित किया, और मेक्सिको सिटी में महिलाओं पर पहला विश्व सम्मेलन आयोजित किया था. यूएन चार्टर के पहले अनुच्छेद में महिलाओं के अधिकारों की बात की गई है.

वर्ष 2010 से यूएन एंटिटी फॉर जेंडर इक्वेलिटी एंड द एम्पावरमेंट ऑफ वीमेन ने महिलाओं के अधिकारों और उनके खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखा है. 2014 में महिला सद्भावना राजदूत एम्मा वाटसन ने हीफॉरशी अभियान की शुरुआत की थी, जो पुरुषों को लैंगिक समानता के लिए लड़ने और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव का मुकाबला करने का आह्वान करता है.

7. यूनेस्को संरक्षण के लिए 12 प्रारंभिक स्थलों का नाम दिया (1978)

1978 में, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने 12 विश्व धरोहर स्थलों की अपनी पहली सूची प्रकाशित की थी. यह मानव निर्मित स्मारक या प्राकृतिक क्षेत्र हैं जिन्हें उनके उत्कृष्ट मूल्य के कारण संरक्षित किया जाना चाहिए. आज की तारीख में यूनेस्को ने दुनियाभर में एक हजार से ज्यादा स्थलों को संरक्षित कर रखा है.

8. क्योटो प्रटोकॉल (1997)

जापानी शहर के नाम पर नामित इस अंतरराष्ट्रीय संधि ने यूरोपीय यूनियन और 41 देशों को कार्बन डाइऑक्साइड सहित खतरनाक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध किया था.

इसे सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण संधियों में एक माना जाता है. 2012 संधि में भाग लेने वाले देशों ने इसे बढ़ाकर 2020 कर दिया था और एक नई संधि बनाने की शपथ ली थी जिससे कार्बन उत्सर्जन कम हो सके.

9. एचआईवी / एड्स पर प्रतिबद्धता की घोषणा (2001)

1996 से संयुक्त राष्ट्र इस बीमारी और उसके कारण से लड़ने के प्रयास कर रहा है. 2001 में आयोजित एक विशेष सत्र में एचआईवी / एड्स पर प्रतिबद्धता की घोषणा को अपनाया था. आज, यूएनएड्स एचआईवी / एड्स के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई के लिए अग्रणी संगठन है. 2014 की एक रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमण के नए मामलों में भारी कमी आई है और 2005 से संक्रमण के कारण होने वाली मौतों में भी 25 फीसदी की गिरावट आई है.

10. संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन स्वास्थ्य मिशन (2014)

इसका गठन पश्चिम अफ्रीका में फैली बीमारी इबोला से लड़ने के लिए किया गया था. इबोला के कारण 11,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 30,000 से ज्यादा इससे संक्रमित हैं.

यह अस्थाई मिशन सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की इबोला से लड़ने में मदद करता था. इबोला इमरजेंसी रिस्पांस के लिए यू.एन. मिशन को जुलाई 2015 में बंद कर दिया गया था.

Last Updated : Oct 25, 2020, 5:59 AM IST

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