लुधियाना: राहुल गांधी के नेतृत्व में 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) अपने पंजाब चरण के तहत गुरुवार को सुबह दोराहा से आगे बढ़ी और इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इसमें शामिल हुए. 'भारत जोड़ो यात्रा' का पंजाब चरण बुधवार को फतेहगढ़ साहिब के सरहिंद से शुरू हुआ था. गुरुवार को सुबह यात्रा में कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, सांसद अमर सिंह, गुरजीत सिंह औजला, पूर्व विधायक गुरकीरत कोटली, पंजाब युवा कांग्रेस के प्रमुख ब्रिंदर सिंह ढिल्लों और पार्टी के कई अन्य नेता राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते नजर आए.
इस दौरान पार्टी के कई कार्यकर्ता राष्ट्रीय ध्वज थामकर चलते दिखाई दिए. बुधवार को पंजाब चरण की शुरुआत से पहले राहुल ने गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका था. उन्होंने पूर्व सैन्य कर्मियों और पंजाब के इतिहासकारों, अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और कृषि विशेषज्ञों के एक पैनल से संवाद भी किया था. 'भारत जोड़ो यात्रा' अपने पंजाब चरण के तहत लुधियाना, गोराया, फगवाड़ा, जालंधर, दसुआ और मुकेरियां से होकर गुजरेगी. यात्रा के जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने से पहले कांग्रेस 19 जनवरी को पठानकोट में एक रैली आयोजित करेगी. राहुल गांधी की यात्रा के मद्देनजर दंगा पीड़ितों को घरों में ही नजरबंद कर दिया गया है.
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मंगलवार को एसएफजे ने राहुल गांधी की यात्रा पर ऑडियो धमकी जारी की सिख फॉर जस्टिस की सामान्य परिषद गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब की ओर से 'खून दा बदला खून' शीर्षक से ऑडियो जारी किया है. उन्होंने 'गांधी-नेहरू' परिवार को 1955 और 1984 के बीच के उस समय की याद दिलाई, जब राहुल गांधी की पंजाब के दरबार साहिब की यात्रा को ऑडियो के माध्यम से 'भारत जोको यात्रा' के दौरान बिना किसी विरोध के पारित किया गया था.
एसएफजे के जनरल कौंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक संदेश के जरिए राहुल गांधी को सिख इतिहास की जानकारी दी और कहा कि दरबार साहिब पर हमला करने वाले की नस्ल खत्म हो गई है और सिर्फ राहुल गांधी जिंदा बचे हैं. आगे कहा कि कश्मीरी लड़ाकों की मदद से वे राहुल गांधी की अमृतसर से श्रीनगर यात्रा की योजना बना रहे हैं. राहुल गांधी को लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा.
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तमिलनाडु के कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई 'भारत जोड़ो यात्रा' 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगी, जहां राहुल जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी में तिरंगा फहराएंगे. यह पदयात्रा अब तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से होकर गुजर चुकी है.