बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग से बातचीत नई दिल्ली: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का समापन 30 जनवरी को कश्मीर के श्रीनगर में होगा. कांग्रेस ने समापन पर 21 विपक्षी पार्टियों को न्योता भेजा है, जिसमें समान विचारधारा वाली ज्यादातर पार्टियां शामिल हैं. हालांकि कांग्रेस ने केसीआर, देवगौड़ा और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं को न्योता नहीं भेजा है. भारतीय जनता पार्टी इसे भारत जोड़ों नहीं बल्कि भारत तोड़ो यात्रा की संज्ञा दे रही है. इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने कहा कि राहुल गांधी चाहे कितनी भी पार्टियों को न्योता दे लें, मगर 2024 में जनता नरेंद्र मोदी का साथ देने का मन बना चुकी है.
बीजेपी नेता तरुण चुग ने कहा की जिन पार्टियों को न्योता भेजा गया है, उनमें ज्यादातर पार्टियां भारत जोड़ने वाली नहीं बल्कि तोड़ने वाली राजनीति कर रहीं हैं. उन्होंने कहा कि मगर वो राहुल गांधी और इन पार्टियों से ये कहना चाहते हैं कि राहुल की कश्मीर अब शांत हो चुका है. आपके शासन काल में आतंकवादियों को आश्रय दिया जा रहा था, वो बंद हो चुका है. अब वहां धमाके नहीं अमन कायम हो रहा है, इसलिए वहां राजनीति काम नहीं आयेगी, क्योंकि वहां की जनता को अब विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम केंद्र सरकार कर रही है.
जम्मू कश्मीर के भाजपा प्रभारी रहे तरुण चुग का कहना है कि कश्मीर में चाहे कितनी भी पार्टियों को राहुल गांधी बुला लें और 2024 के लिए चाहे कितने भी आगाज कर लें, जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने राहुल गांधी की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए ये भी कहा कि गुरुद्वारे में मत्था तो कोई भी टेक सकता है, वहां किसी को जाने की मनाही नहीं है, मगर यदि राहुल गांधी में हिम्मत है तो वो 1984 में हुए सिखों के कत्लेआम पर माफी मांगे, वरना सिख समुदाय कभी उन्हें माफ नहीं करने वाला है.
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जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी की पार्टी से पलायन कर रहे नेताओं पर सवाल करने पर चुग ने कहा कि भाजपा से सभी लोग प्रभावित हैं और जम्मू कश्मीर में भी लोग बीजेपी के प्रति अपनी आस्था दिखा रहे. इस सवाल पर कि क्या कश्मीर में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, उन्होंने कहा कि चुनाव करवाना चुनाव आयोग का काम है, लेकिन नरेंद्र मोदी ने वादा किया था, तो चुनाव होंगे ही और संगठन के तौर पर बीजेपी भी पूरी तरह से तैयार है, चुनाव चाहे जब भी हो. सूत्रों का कहना है कि कश्मीर के चुनाव पर चुनाव आयोग अप्रैल या मई तक चुनाव करवाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है.