नई दिल्ली :भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उसके कोविड-रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया जाना स्वदेश विकसित टीके तक व्यापक वैश्विक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कोवैक्सीन को 'आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध' (ईयूएल) का दर्जा दे दिया है. इससे पहले डब्ल्यूएचओ के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने इसकी सिफारिश की थी. डब्ल्यूएचओ ने एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस मंजूरी से भारत अब कोवैक्सीन का आयात करने और इसे लगाने की नियामक मंजूरी की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं.
कंपनी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ), पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (पाहो) और गावी कोवैक्स सुविधा भी दुनियाभर में देशों को वितरण के लिए कोवैक्सीन टीके खरीद सकेंगे.
भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा, 'डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूरी भारत के व्यापक तौर पर दिए जाने वाले, सुरक्षित और प्रभावी कोवैक्सीन टीके तक वैश्विक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.'
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की मंजूरी हमें टीके तक समान पहुंच को गति प्रदान करने में योगदान देने में सक्षम बनाएगी.
भारत बायोटेक ने कहा कि वैश्विक वितरण श्रृंखलाओं की जरूरतों को पूरा करने और कम तथा मध्यम आय वाले देशों के लिए विशेष रूप से कोवैक्सीन को विकसित किया गया है.
भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एल्ला ने कहा, 'कोवैक्सीन के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी भारत बायोटेक में काम करने वाले सभी लोगों और हमारे साझेदारों के अत्यधिक प्रयासों को समर्थन है. यह हमारे लिए वैश्विक स्तर पर सार्थक प्रभाव पैदा करने के लिहाज से एक अवसर भी है.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने जताई खुशी
वहीं, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि वह यह देखकर खुश हैं कि भारत बायोटेक के कोवैक्सीन टीके को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध करने की मंजूरी मिल गई है. साथ ही उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनिया के पास जितने अधिक उत्पाद होंगे, उतना ही बेहतर होगा.
गेब्रेयेसस ने ट्वीट किया, 'एक और टीके कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल किए जाने को देखकर खुशी हुई. कोविड-19 से लड़ाई में जितने अधिक उत्पाद उपलब्ध होंगे, उतना बेहतर होगा. हालांकि, हमें टीका समानता और कमजोर समूहों तक इसकी पहुंच की प्राथमिकता को लेकर दबाव बनाए रखना है जोकि अब तक टीके की पहली खुराक भी प्राप्त नहीं कर पाए हैं.'
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इस बीच, जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडेय ने भी डब्ल्यूएचओ के फैसले की सराहना की और डॉ. टेड्रोस का आभार जताया.
पांडेय ने ट्वीट किया, 'हम कोवैक्सीन को ईयूएल मंजूरी दिए जाने में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस और उनकी टीम के योगदान के लिए धन्यवाद करते हैं. ये कदम जल्द टीकाकरण और टीका समानता के भारत और डब्ल्यूएचओं के साझा लक्ष्यों को पूरा करने की तरफ एक और कदम है.'
(पीटीआई-भाषा)