जयपुर.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शुक्रवार को शपथ ली. इस खास मौके पर अल्बर्ट हॉल के बाहर तीन मंच बनाए गए थे, जिनमें से मुख्य मंच बीच में रहा, जहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शपथ लेने के लिए मौजूद रहे. वहीं, उनके साथ पीएम मोदी और राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ-साथ मुख्य सचिव उषा शर्मा भी मौजूद रहीं. शपथ ग्रहण का यह कार्यक्रम ठीक एक बजकर पांच मिनट पर शुरू हुआ और एक बजकर तेरह मिनट पर इसका समापन हो गया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए गृहमंत्री अमित शाह , रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, प्रल्हाद जोशी, अश्विनी वैष्णव, भूपेन्द्र यादव, हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, नित्यानंद राय, एसपी सिंह बघेल, मनसुख मांडविया और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी शामिल हुए.
गहलोत-राजे भी रहे मौजूद :कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे भी मौजूद रहे. वहीं मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन यादव, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के साथ ही यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शामिल हुए थे. इन सभी नेताओं को मुख्य मंच की बायी ओर जगह मिली तो दायीं ओर साधु-संत और धर्म गुरुओं का स्थान रखा गया.
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मुहूर्त के बीच शपथ की चर्चा :भजनलाल शर्मा की शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मुहूर्त की चर्चा भी काफी रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर एक बजकर तीन मिनट पर पहुंचे, लेकिन दो मिनट की प्रतिक्षा के बाद शुभ घड़ी देखकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इस दौरान 8 मिनट का कार्यक्रम तय समय के हिसाब से पूरा किया गया, जिसे लेकर कार्यक्रम स्थल से लेकर बाहर तक चर्चा हुई. गौरतलब है कि शुक्रवार शाम से मलमास का शुरू हो रहा है और पिछली बार अशोक गहलोत के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम मलमास के दौरान हुआ था. इसके बाद यह चर्चा होती रही थी कि पांच साल सरकार मलमास की शपथ के कारण ही अस्थिर रही है.
मंच पर राजे, गहलोत और शेखावत की जुगलबंदी :शपथ ग्रहण कार्यक्रम स्थल पर बने मंच पर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पहुंचे. इसके बाद अशोक गहलोत आए और आखिर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहुंचीं. तीनों नेताओं की राजनीतिक दूरिया सियासी गलियारों में हमेशा सुर्खियां में रहती है, लेकिन शपथ ग्रहण कार्यक्रम के मंच पर गहलोत और शेखावत की चर्चा और हंसी ठिठोली पर हर कोई नजर गड़ाए बैठा था. जाहिर है कि दिल्ली की साउथ राउज कोर्ट में दोनों के बीच मानहानि को लेकर मुकदमा चल रहा है. इसके बाद राजे के आने के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे की चर्चा होने लगी. इसी दौरान कतार में गहलोत, शेखावत और राजे बैठे. मंच पर सियासी दूरियों के लिए चर्चित अर्जुन राम मेघवाल और वसुंधरा राजे की भी चर्चा हुई. मंच पर राजनीतिक दूरियों वाले नेताओं के बीच की चर्चा सामने दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों के बीच लगातार रही.
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बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ी जनता :शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान मंच के बायीं ओर घोड़ा सर्किल की ओर से आने वाली जनता के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग पर जमकर हंगामा हुआ. पास धारकों को अनुमति पत्र होने के बावजूद कार्यक्रम में प्रवेश नहीं मिला. इस पर आपत्तियां भी जताई और हंगामे भी हुए. वहीं, जब आगे बढ़ रही भीड़ को पुलिस ने नियंत्रित करने का प्रयास किया तो इस दौरान धक्का-मुक्की में एक महिला बेहोश भी हो गई.