चंडीगढ़: बसंती की लहर और क्रांतिकारी गीत 'रंग दे बसंती' के नारों के बीच, आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने बुधवार को लगभग 400,000 दर्शकों की भीड़ के बीच आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के गांव में पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'क्रांति की जय हो' के नारे के साथ शपथ को समाप्त किया.
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 48 वर्षीय पूर्व कॉमेडियन मान को पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. एक घंटे की देरी से हुए शपथ ग्रहण के बाद, मान ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने राज्य के सभी निवासियों के साथ मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. उन्होंने कहा, 'आप सभी मुख्यमंत्री होंगे.'
मान ने कहा कि आज से ही काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें पहले ही बहुत देर हो चुकी है. हमें 70 साल की देरी हो गई है. पूरे भारत से लोग स्कूल और 'मोहल्ला' क्लीनिक देखने के लिए दिल्ली आते हैं, विदेशी लोग पंजाब आते हैं और तस्वीरें क्लिक करते हैं. भगत सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए मान ने कहा, 'भगत सिंह को न केवल भारत की आजादी की चिंता थी, बल्कि यह भी कि देश आजाद होने के बाद किन हाथों में जाएगा. उनकी चिंताएं वाजिब थीं. हम उन लोगों के लिए विदेश जा रहे हैं जिनसे हमने हमारी आजादी ली थी. हम अपने देश में रहेंगे और इसकी बेहतरी के लिए काम करेंगे.'
लोगों से करुणामयी अपील करते हुए उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से लेकर खेती तक व्यवसाय से लेकर स्कूलों तक सभी समस्याओं का समाधान ढूंढा जाएगा. भगत सिंह के एक श्लोक का पाठ करते हुए मान ने कहा, 'प्यार करना हर किसी का जन्मसिद्ध अधिकार है, क्यों न मेरे देश की मिट्टी को अपना प्रेमी बनाया जाए?' मान ने कहा, 'हम उनके लिए भी सरकार हैं जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया और हम उनके लिए भी काम करेंगे.'