दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कर्नाटक: भगत सिंह का पाठ हटाने के फैसले पर सरकार ने लिया यू-टर्न - शहीद भगत सिंह पाठ कर्नाटक सरकार

कनार्टक में सत्तारूढ़ भाजपा की गठित पाठ्यक्रम समीक्षा समिति ने कन्नड़ की कक्षा दस की किताब में भगत सिंह के अध्याय को हटाने का फैसला लिया था. विपक्ष के हंगामे के बाद सरकार ने इसे फैसले को वापस ले लिया है.

Bhagat Singh lesson deletion row: After backlash Bommai govt takes u-turn
कर्नाटक: भगत सिंह का पाठ हटाने के फैसले पर सरकार ने लिया यू-टर्न

By

Published : May 20, 2022, 10:35 AM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने स्वतंत्रता सेनानी और शहीद सरदार भगत सिंह पर आधारित पाठ (lesson) को पाठ्यक्रम (syllabus) से हटाने के मामले में यू-टर्न ले लिया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने हर तरफ से विरोध को भांपते हुए यह कदम उठाया. भगत सिंह से संबंधित पाठ को अब पाठ्यपुस्तक में रखने का निर्णय लिया है.

राज्य सरकार ने एसएसएलसी कक्षा के छात्रों को पुस्तकों के वितरण पर भी रोक लगा दी है. राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए गठित पाठ्य पुस्तक संशोधन समिति ने एसएसएलसी (कक्षा 10) कन्नड़ पाठ्यपुस्तक से भगत सिंह पर पाठ को हटाने का फैसला किया था. समिति ने भगत सिंह के पाठ को लेखक शिवानंद कलावे के 'स्वदेशी सूत्रदा सरला हब्बा' पाठ के साथ बदलने का फैसला किया था. सरकार के इस फैसले की भारी आलोचना की गई और फिर सरकार बैकफुट पर आ गयी.

विपक्षी दलों ने स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करने के लिए भाजपा की खिंचाई की. कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने इस मुद्दे पर भाजपा पर हमला किया. उन्होंने आलोचना करते हुए कहा भाजपा पाठ्यपुस्तकों को पार्टी ब्रोशर के रूप में बदल रही है. उन्होंने भगत सिंह के पाठ को हटाने और आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के भाषण को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने के निर्णय पर भी आपत्ति जताई.

पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के अध्यक्ष लेखक रोहित चक्रतीर्थ ने आरएसएस संस्थापक के भाषण को शामिल करने के निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि समिति का दक्षिणपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने का कोई इरादा नहीं था. अगर उनका ऐसा कोई मकसद होता तो वे भगत सिंह के पाठ को नहीं हटाते. पाठ को पूरक पाठ्यपुस्तक में शामिल किया गया था.

ये भी पढ़ें-कर्नाटक सरकार का फरमान, प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों में यूनिफॉर्म अनिवार्य

उन्होंने कहा, 'यह मुख्य भाग में नहीं था. पाठ में भगत सिंह के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी. इसलिए, पाठ को हटाने का फैसला किया गया.' मैसूर के तत्कालीन राजा टीपू सुल्तान के महिमामंडन को हटाने के संशोधन समिति के फैसले ने तूल पकड़ा था. सूत्रों ने बताया कि समिति ने उनका जिक्र करते हुए उनकी 'लायन ऑफ मैसूर' की उपाधि हटा ली है. अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ने के लिए टीपू सुल्तान को यह उपाधि दी गई थी. पाठ्यपुस्तक संशोधन समिति ने कक्षा 6 और 10 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों और कक्षा 1-10 की कन्नड़ पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा की है.

(आईएएनएस)

ABOUT THE AUTHOR

...view details