मैंगोमैन अशोक चौधरी का बयान भागलपुर: बिहार के भागलपुर से इस बार राष्ट्रपति और पीएम को जर्दालू आम नहीं मिला. भागलपुर से जो आम दिल्ली भेजा जाना था वह सड़ चुका है. हर साल जिले के सुल्तानगंज प्रखंड के महेशी पंचायत के तिलकपुर के मधुबन नर्सरी का जर्दालू आम दिल्ली भेजा जाता था. इस बार भी पूरी तैयारी की गई थी. किसान अशोक चौधरी ने आम की पैकिंग भी कर ली थी, लेकिन कृषि विभाग की ओर से कोई निर्देश नहीं आया. इसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच चल रही लड़ाई का नतीजा माना जा रहा है.
ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को मिलेगा बिहार से सौगात, जर्दालु आम का चखेंगे स्वाद
2007 से ही दिल्ली भेजे जा रहे आम:मधुबन नर्सरी के किसान अशोक चौधरी बताते हैं कि 2007 से ही जर्दालू आम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को जाता है. उनके यहां के जर्दालू आम अपने आप में काफी खास होते हैं. इस कारण प्रत्येक वर्ष इस बगीचे से जर्दालू आम की सौगात कृषि विभाग की ओर से दिल्ली और पटना के विशिष्ट लोगों को भेजी जाती है. हर साल विक्रमशिला से कृषि विभाग के दो पदाधिकारी आम लेकर दिल्ली जाते हैं.
"2007 से ही जर्दालू आम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को जाता है. उनके यहां के जर्दालू आम अपने आप में काफी खास होते हैं. इस कारण प्रत्येक वर्ष इस बगीचे से जर्दालू आम की सौगात कृषि विभाग की ओर से दिल्ली और पटना के विशिष्ट लोगों को भेजी जाती है" -अशोक चौधरी, मैंगोमैन
इस बार भी 3 जून आम भेजने की थी तैयारी: मैंगोमैन अशोक चौधरी ने बताया कि इस बार भी 3 जून को विक्रमशिला ट्रेन से आम को भेजना था. आम की पैकिंग कृषि विभाग के विशेष बाॅक्स में पैक की जाती है, लेकिन विभाग की ओर से बाॅक्स नहीं भेजा गया और न ही कोई निर्देश आया. वैसे यहां से आम पैककर भागलपुर भेज दिया गया, लेकिन भागलपुर से दिल्ली नहीं जा सका. पता चला आम भागलपुर स्टेशन पर ही सड़कर बेकार हो गया. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के कारण प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की खींचतान की वजह से जर्दालू आम बिहार सरकार ने नहीं भेजा.
दिल्ली के लिए विशेष नस्ल की गई है विकसित:अशोक चौधरी के अनुसार यहां से हर साल 2000 पेटी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित तमाम विशिष्ट लोगों को भेजा जाता है. उन्होंने बताया कि खास दिल्ली भेजने के लिए जर्दालू की नई प्रभेद 2017 में तैयार की थी. इसे मोदी वन नाम दिया था. उसके बाद जब नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने तो मोदी टू नाम से भी विशेष प्रभेद तैयार की गई. यही खास जर्दालू आम दिल्ली जाता है. वैसे बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना कि वह अपने स्तर से भागलपुर का तोहफा दिल्ली पहुंचाएंगे.
जर्दालू की खासियत:यह आम अन्य की तुलना में ज्यादा रसीला और सुपाच्य होता है. उसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है. साथ ही शुगर कम होता है. इस कारण इसे मधुमेह व ब्लडप्रेशर की समस्या से ग्रस्त मरीज भी आराम से खा सकते हैं. वैसे भारत के प्रथम राष्ट्रपति और प्रथम प्रधानमंत्री से लेकर इंदिरा गांधी व अन्य गणमान्यों को भी जर्दालू आम की सौगात भेजी जाती रही है.
विदेशों में निर्यात का लक्ष्य: भागलपुर का जर्दालू आम विदेश भी भेजा जाता है. इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की भी कवायद जारी है. वैसे तो इसे जीआई टैग मिल चुका है. फिर भी 10 टन आम निर्यात का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए किसानों को महाराष्ट्र व अन्य जगह विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी. ताकि आम की शटरिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, वाशिंग के अलवा विदेशों में निर्यात के लायक वैल्यू एडिशन भी किसान कर सकें.