भागलपुर : बिहार के भागलपुर के काजवलीचक मुहल्ले में विस्फोट से 12 लोगों की मौत हो गई. यह धमाका इतना भयानक था कि आसपास के लोग सहम गए थे. वैसे, यह कोई पहली बार नहीं है कि इन घरों में पहली बार विस्फोट हुए है. वर्ष 2008 में भी इन घरों में विस्फोट हुए थे, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. काजवलीचक मुहल्ला 14 साल बाद एक बार फिर भीषण विस्फोट का गवाह बना है. इस विस्फोट में अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है.
स्थानीय लोगों की मानें तो पिछली बार भी इसी तरह का विस्फोट होने से पूरा इलाका दहल गया था. उस समय दीपावली के आसपास घटना हुई थी. घटना को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी. लोगों का आरोप है कि यहां पटाखे बनाने का काम वर्षों से चल रहा था, इसकी शिकायत भी थाने में की गई थी. लोग दबी जुबान अब यह भी कह रहे हैं कि पटाखे और आतिशबाजी के सामान यहां अवैध रूप से बनाए जा रहे थे, जिसकी आड़ में बारूद जमा किया जाता था.
इधर, पुलिस उप निरीक्षक सुजीत कुमार का कहना है कि 2008 में भी इस घर में विस्फोट की घटना हुई थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा कि मलबे से मिले समानों से इस बात की पुष्टि हो रही है कि यहां पटाखे बनाने के काम होते थे, लेकिन इसकी अनुमति ली गई थी या नहीं यह जांच का विषय है. उन्होंने यह भी कहा कि थाना पुलिस की भी भूमिका की जांच की जाएगी.
भागलपुर में हुए विस्फोट को लेकर अब सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. भागलपुर से कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी भी मिलीभगत हो सकती है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर उसी घर में बार-बार विस्फोट क्यों होता है.