हैदराबाद :पश्चिम बंगाल के कोलकाता में फिर चुनावी सरगर्मी है. दक्षिणी कोलकाता के इलाके की भवानीपुर विधानसभा सीट पर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिर चुनाव मैदान में उतरी हैं. नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी से हार के बाद ममता बनर्जी ने अपनी परंपरागत सीट को चुनाव लड़ने के लिए चुना है.
नंदीग्राम में बनर्जी की हार के बाद, राज्य के कैबिनेट मंत्री तृणमूल कांग्रेस विधायक सोवनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर सीट खाली कर दी थी ताकि इस सीट से मुख्यमंत्री चुनाव लड़ सकें. इसी इलाके में उनका घर भी है और इस सीट से वह लगातार जीतती रही हैं. उनकी टक्कर में बीजेपी ने पेशे से वकील प्रियंका टिबरेवाल को उतारा है. वाममोर्चे की ओर से श्रीजीब विश्वास दोनों महिला उम्मीदवार के मुकाबले में है. कांग्रेस ने इस उपचुनाव में अपना कैंडिडेट खड़ा नहीं किया है. उपचुनाव के लिए 30 सितंबर को वोटिंग होगी और 3 अक्टूबर को नतीजे आएंगे.
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राज्य के वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी का कहना है कि टीएमसी के लिए भवानीपुर में जीत कोई मुद्दा नहीं है. ममता बनर्जी इस सीट से जीतेंगी, यह पहले से तय है. यह बात विपक्षी दल भी जानते हैं. पार्टी का लक्ष्य रिकॉर्ड अंतर से जीत सुनिश्चित करना है.
भवानीपुर सीट से CM ममता बनर्जी ने 10 सितंबर को किया था नामांकन. चुनावी हिंसा को मुद्दा बनाएगी प्रियंका :भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बीजेपी वरिष्ठ नेता ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर से उपचुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे. बीजेपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि पार्टी का मत प्रतिशत बरकरार रहे या उसमें वृद्धि हो. वैसे प्रियंका टिबरेवाल अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने चुनाव के बाद की हिंसा को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया है.
प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि ममता बनर्जी यह चुनाव मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए लड़ रही हैं. मेरा काम निर्वाचन क्षेत्र के लोगों तक पहुंचना है. वह प्रचार के दौरान विधानसभा चुनावों के बाद विपक्षी कार्यकर्ताओं पर किए गए अत्याचारों, यातनाओं और हिंसा को मुद्दा बनाएंगी. वाम मोर्चा के उम्मीदवार श्रीजीब विश्वास ने विकास की कथित कमी को प्रमुख मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि वाम मोर्चे की लड़ाई तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों के खिलाफ है.
कौन हैं प्रियंका टिबरेवाल :भवानीपुर से भाजपा की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल पेशे से वकील हैं और भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो की लीगल एडवाइजर भी रह चुकी हैं. वह बीजेपी के परंपरागत वोटर मारवाड़ी वैश्य समाज से आती हैं. 2014 में भाजपा जॉइन करने वाली प्रियंका फिलहाल युवा मोर्चा में उपाध्यक्ष भी हैं. 2015 में प्रियंका टिबरेवाल ने वार्ड संख्या 58 से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार से हार गईं थीं.
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हाई प्रोफाइल सीट रही है भवानीपुर :भवानीपुर विधानसभा सीट कोलकाता की हाई प्रोफाइल सीट रही है. 1957 से 1967 तक से पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री रहे सिद्धार्थ शंकर रे इस सीट से विधायक रह चुके हैं. ममता बनर्जी भी 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में दो बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुकी हैं. 2011 में टीएमसी के सुब्रत बख्शी ने उनके लिए यह सीट छोड़ी थी. पहली बार सीएम बनने के बाद ममता बनर्जी इस सीट से ही उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं. उन्होंने सीपीएम की नंदिनी मुखर्जी को 54 हजार मतों के अंतर से हराया था. 2016 में उन्होंने प्रियरंजन दास मुंशी की पत्नी कांग्रेस उम्मीदवार दीपा दासमुंशी को 25301 मतों से हराया था. वर्ष 2016 में यहां 12 उम्मीदवार खड़े हुए थे.
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिले थे 35.16 पर्सेंट वोट :2021 के विधानसभा में ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था. इस सीट से टीएमसी ने शोभनदेव भट्टाचार्य को कैंडिडेट बनाया था. इस सीट पर कुल 125806 वोटरों ने मतदान किया था. शोभनदेव को 57.71 पर्सेंट वोट मिले थे, जबकि भाजपा कैंडिडेट रुद्रनील घोष को थे 35.16 पर्सेंट वोट मिले. कांग्रेस उम्मीदवार को 4.09 पर्सेंट मत से संतोष करना पड़ा. वर्ष 2021 के चुनाव में कुल 9 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. माना यह जा रहा है कि उपचुनाव में बीजेपी अगर अपने वोट प्रतिशत को बचा लेती है तो वह इसके लिए उपलब्धि होगी.
( भाषा इनपुट के साथ)