नई दिल्ली : दुनिया के सबसे रईस शख्स की सूची में बर्नार्ड अर्नाल्ट का नाम आज शीर्ष पर है. बर्नार्ड लग्जरी फैशन ब्रांड लुई वुइटन मोएट हेनेसी (Louis Vuitton Moet Hennessy-LVMH) के चेयरमैन हैं. अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस और इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क भी उनसे पीछे हो गए हैं.
अर्नाल्ट इससे पहले दिसंबर 2019, जनवरी 2020, मई 2021 और जुलाई 2021 में भी इस उपलब्धि को हासिल कर चुके हैं.
फोर्ब्स रियल-टाइम बिलेयनियर्स की सूची के अनुसार, वह 198.8 अरब डॉलर (करीब 14.7 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति के साथ टॉप पर हैं. दरअसल कोविड महामारी के दौरान लुई वुइटन की कमाई तेजी से बढ़ी. इसके कई ब्रांड ने 2021 की पहली छमाही में रिकॉर्ड बिक्री की और बड़ा मुनाफा कमाया.
बेजोस अब दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स हैं. उनकी संपत्ति 193.3 अरब डॉलर है.
182.1 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ एलन मस्क तीसरे स्थान पर हैं.
कौन हैं बर्नार्ड अर्नाल्ट ?
बर्नार्ड अर्नाल्ट 05 मार्च 1949 को फ्रांस के सबसे बड़े शहरों में से एक, रुबैक्स में पैदा हुए थे. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उनके पिता कंस्ट्रक्शन कारोबारी और मां मेरी को फैशन का शौक था. 1980 के दशक में वे न्यूयॉर्क गए. एक दिन कैब में सफर करते हुए उन्हें डियोर फैशन ब्रांड के बार में एक आइडिया आया. वही आइडिया आज लुई वुइटन का रूप ले चुका है.
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बर्नार्ड अर्नाल्ट का कारोबार
फ्रांस के कारोबारी बर्नार्ड अर्नाल्ट के पास लुई वुइटन समेत 70 से अधिक ब्रांड का साम्राज्य है. इनमें सेफोरा, टैग हॉयर, डी बियर्स, बुलगारी, थॉमस पिंक, फेंडी जैसी नामी कंपनियां शामिल हैं. लुई वुइटन का बाजार पूंजीकरण (बाजार हैसियत) 30 लाख करोड़ रुपये है. वहीं, उनके नजदीकी प्रतियोगी केरिंग की बाजार हैसियत 8.45 लाख करोड़ रुपये है. लुई वुइटन समूह के पास फैशन, वॉच, ज्वेलरी, रिटेल, वाइन, ब्यूटी और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में करीब 75 से ज्यादा लग्जरी ब्रांड हैं.
'द टर्मिनेटर' नाम से थे मशहूर
1985 में अर्नाल्ट ने फ्रांस की सरकार से एक दिवालिया टेक्सटाइल कंपनी बुसॉक को खरीदा और फिर इस कंपनी के नौ हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जिसकी वजह से वह 'द टर्मिनेटर' के नाम से मशहूर हो गए. बाद में उन्होंने डियोर ब्रांड और एक डिपार्टमेंटल स्टोर के अलावा कंपनी की सारी संपत्ति बेच दी. उन्होंने सिर्फ फैशन सेगमेंट पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया. बाद में साल 1987 तक कंपनी दोबारा मुनाफे में आ गई थी.
10 साल में 500 फीसदी बढ़ी नेटवर्थ
साल 1988 में अर्नाल्ट ने लुई वुइटन ग्रुप में कुछ शेयर खरीदे. जनवरी 1989 में वे लुई वुइटन के निर्विरोध चेयरमैन बने. इसके बाद बर्नार्ड अर्नाल्ट ने अपने कारोबार का विस्तार और ब्रांड्स का अधिग्रहण करना शुरू किया. देखते ही देखते उनकी संपत्ति में इजाफा होता गया. पिछले 10 सालों में उनकी नेटवर्थ में 500 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.