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किताब में दावा : आजादी मिलने से एक सप्ताह पहले रची गई थी गांधी जी की हत्या की साजिश

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Published : Oct 1, 2021, 10:43 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 10:52 PM IST

महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi) की हत्या की साजिश 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति से एक सप्ताह पहले ही रच ली गई थी. इसका दावा एक नई किताब में किया गया है. किताब का नाम द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फकीर: ए न्यू इन्वेस्टिगेशन ऑफ महात्मा गांधीज असैसिनेशन' है. किताब को अप्पू एस्थोस सुरेश (Appu Esthose Suresh ) और प्रियंका कोटमराजू (Priyanka Kotamraju) ने लिखी है. पढ़िए विस्तार से खबर.

गांधी की हत्या
गांधी की हत्या

नई दिल्ली : महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi) की हत्या की साजिश 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति से एक सप्ताह पहले ही रच ली गई थी. यह दावा एक नई किताब में किया गया है, जो हत्या के लिए इस्तेमाल की गई बेरेटा पिस्तौल ( Beretta gun) तथा ग्वालियर के एक डॉक्टर द्वारा इसकी व्यवस्था किए जाने सहित पूरी घटना का विवरण पेश करती है.

अप्पू एस्थोस सुरेश (Appu Esthose Suresh ) और प्रियंका कोटमराजू (Priyanka Kotamraju) द्वारा लिखी गई किताब 'द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फकीर: ए न्यू इन्वेस्टिगेशन ऑफ महात्मा गांधीज असैसिनेशन' गांधी की हत्या की परिस्थितियों, इसके कारणों और इसके बाद की जांच आदि पर प्रकाश डालती है.

किताब पूर्व में संज्ञान में न ली गईं खुफिया रिपोर्ट और पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर उस समय की रियासतों की भूमिका, अति पुरुषत्व की भावना और देश को मिली स्वतंत्रता के परिप्रेक्ष्य में उभरी एक दक्षिणपंथी भावना की पड़ताल भी करती है.

हार्पर कोलिन्स इंडिया द्वारा प्रकाशित पुस्तक में लेखकों ने कहा है कि गांधी की हत्या किसी एक व्यक्ति या हिन्दू महासभा के कुछ कट्टर सदस्यों का काम नहीं थी. इसमें कहा गया है कि ऐसा नहीं है कि हत्या की साजिश 30 जनवरी 1948 से कुछ सप्ताह पहले ही रची गई हो.

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पुस्तक में लेखकों ने लिखा है, 'हमने किताब में जो नए साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, वे इस ओर इशारा करते हैं कि इसकी साजिश 1947 में आजादी मिलने से एक सप्ताह पहले ही रच ली गई थी. हमारा मत है कि यह खोज भारत के इतिहास के एक निर्णायक क्षण की समकालीन समझ के लिए काफी अहम है.'

नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके लिए उसने इटली निर्मित स्वचालित पिस्तौल का इस्तेमाल किया था. यह बेरेटा सीएएल 9 पिस्तौल थी जिसकी संख्या 719791 थी. 1934 में निर्मित इस पिस्तौल की व्यवस्था ग्वालियर के डॉक्टर दत्तात्रेय पारचुरे ने की थी जिसके बारे में माना जाता है कि उसने हिन्दू राष्ट्र सेना (एचआरएस) की स्थापना की थी.

(पीटीआई भाषा)

Last Updated : Oct 1, 2021, 10:52 PM IST

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