बेंगलुरु: शहर में पिछले कुछ वर्षों में दीपावली के दौरान पटाखों के फटने से आंखों को पहुंचने वाली चोटों में कमी आयी है. सरकारी नेत्र अस्पताल मिंटो ऑप्थेलमिक के द्वारा उपलब्ध कराए गये आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2008 और 2009 में अस्पताल के डॉक्टरों ने पटाखों से जुड़ी आंखों की चोटों वाले 57 रोगियों का उपचार किया. इसके बाद 2010 और 2011 में क्रमश: 61 और 63 मामले सामने आए.
2012 में रोगियों की संख्या घटकर 47 हो गई. हालांकि, अगले दो वर्षों में मामलों की संख्या में वृद्धि हुई, वर्ष 2013 में 61 और 2014 में 65 मरीज आए। इसी तरह 2015 में मामलों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई. इस वर्ष केवल 32 मरीज आए. जबकि 2016 में 33 और 2017 में 45 मामले सामने आए.आंकड़ों के अनुसार, 2018 और 2019 में क्रमशः 46 और 48 मामले आए. पिछले साल 23 मामले सामने आए थे, जिनमें से तीन की आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई थी.