बेंगलुरु: साइबर क्राइम सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. ऐसे क्राइम को रोकना सरकार के लिए एक चुनौती है. पिछले पांच महीनों में बेंगलुरु के 9 साइबर क्राइम पुलिस थानों में 3,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. पिछले 150 दिनों में बेंगलुरु में 3,500 से अधिक साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं. मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. तकनीक के जरिए ठग साइबर क्राइम कर रहे हैं. आरोपी एक दिन में औसतन 26 साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं.
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सरकार ने पिछले दो वर्षों में साइबर क्राइम, आर्थिक और नशीले पदार्थों (सीईएन) से जुड़े अपराधों के लिए विषेश थानों की स्थापना की है. लेकिन साइबर क्राइम के मामले में ये थाने सिर्फ केस दर्ज करने तक सीमित है. सरकारी आंकड़े यही बताते हैं. कुछ ही मामलों में साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. साइबर अपराधियों ने पांच महीने में 200 करोड़ की लूट की. हर साल 10 से 15 हजार मामले दर्ज होते हैं लेकिन आरोपितों को सजा नहीं होती. 10 फीसदी मामलों में चार्जशीट तक दर्ज नहीं होते हैं.
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सीईएन पुलिस थानों में हर साल हजारों मामले दर्ज होते हैं. लेकिन कम से कम 50% से अधिक मामले बिना किसी ठोस कार्रवाई के बंद हो जाते हैं. हालांकि मौजूदा थानों की संख्या 9 है, लेकिन इसे बढ़ाना होगा. अनिस्तारित मामलों की संख्या में वृद्धि कारण स्टेशनों की कमी, कर्मचारियों की कमी, कर्मचारियों में तकनीकी कौशल का अभाव और जांच के लिए उचित और बुनियादी सुविधाओं की कमी का होना है. शहर में अब तक साइबर अपराध के 3,684 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वेस्ट डिवीजन में सबसे ज्यादा 875 मामले दर्ज किए गए. साइबर क्राइम थाने में केवल 25 मामले दर्ज किए गए. पूर्वोत्तर खंड में 626, दक्षिणपूर्वी खंड में 366, मध्य खंड के सेन डिवीजन में 357, दक्षिणी में 456, पूर्व में 305, उत्तर में 333 और व्हाइट फील्ड में 341 मामले हैं.