विपक्षी दलों का 'इंडिया' दांव, नेताओं ने दी चुनौती, कहा - अब करो इंडिया का विरोध - यूपीए की जगह इंडिया
विपक्षी दलों की बैठक बेंगलुरु में खत्म हो गई. आज की बैठक में इन दलों ने अपने गठबंधन का नाम तय कर लिया. नया नाम इंडिया रखा गया है. यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस. इसके बाद नेताओं ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि अब इंडिया का विरोध करके दिखाओ.
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Published : Jul 18, 2023, 4:28 PM IST
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Updated : Jul 18, 2023, 6:58 PM IST
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु में विपक्षी नेताओं की महागठबंधन बैठक संपन्न हो गई है. बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें नए गठबंधन के नाम की औपराचिक घोषणा की गई. नया नाम इंडिया रखा गया है.
काग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि उनकी बैठक का मकसद देश, लोकतंत्र और संविधान बचाना है. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने गठबंधन के नाम पर सहमति जतायी है. यूपीए की जगह अब नए गठबंधन का नाम 'इंडिया' होगा. इस नए गठबंधन पार्टी की अगली बैठक मुंबई में होगी. उन्होंने कहा कि सभी 26 पार्टियों के साथ मिलकर हमने इस गठबंधन को इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस (INDIA) नाम दिया है.
उन्होंने कहा, "हम महाराष्ट्र, मुंबई में फिर मिलने जा रहे हैं. वहां हम समन्वयकों के नाम पर चर्चा करेंगे और उनके नाम का ऐलान करेंगे. जल्द ही मुंबई बैठक के लिए तारीख की घोषणा की जाएगी. हमारी एकता को देखकर मोदी जी ने 30 पार्टियों की बैठक बुलाई है. पहले वे अपने गठबंधन की बात तक नहीं करते थे, उनके यहां एक पार्टी के कई टुकड़े हो गए हैं और अब मोदी उन्हीं टुकड़ों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं."
मोदी और 'इंडिया' की लड़ाई है : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के नए गठबंधन के नाम 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' (इंडिया) का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा कि अब लड़ाई 'इंडिया और नरेन्द्र मोदी' के बीच है और यह बताने की जरूरत नहीं है कि जीत किसकी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोई हिंदुस्तान के सामने खड़ा होता है, तो जीत किसकी होती है यह बताने की जरूरत नहीं है. विपक्ष के 26 दलों की बैठक के बाद राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "जब हम चर्चा कर रहे थे, तो हमने खुद से ये सवाल पूछा कि लड़ाई किसके बीच है. यह लड़ाई विपक्ष और भाजपा के बीच नहीं है. देश की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है. यह देश की आवाज के लिए लड़ाई है. इसीलिए यह इंडिया नाम चुना गया."
उन्होंने कहा, "यह लड़ाई एनडीए और इंडिया के बीच है. नरेंद्र मोदी जी और इंडिया के बीच लड़ाई है, उनकी विचारधारा और इंडिया के बीच है. जब कोई हिंदुस्तान के सामने खड़ा होता है, तो जीत किसकी होती है यह बताने की जरूरत नहीं है." राहुल गांधी ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों की अगली बैठक मुंबई में होगी. उन्होंने कहा, "हमने तय किया है कि एक कार्य योजना तैयार करेंगे, जहां हम अपनी विचारधारा और देश के लिए जो करने जा रहे हैं, उसके बारे में बताया जाएगा."
'लोकतंत्र से भाजपा कर रही खिलवाड़' :भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा कि भाजपा सरकार में देश के लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रही है. भारत की अवधारणा की रक्षा करने की जरूरत है. देश के 26 विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने यहां 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए गठबंधन के नाम, रूपरेखा और साझा एजेंडे तय करने के बारे में चर्चा की. खड़गे ने कहा कि अगले चरण की बैठक मुंबई में होगी और 2024 लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में एक सचिवालय बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का गलत इस्तेमाल कर रही है.
अंत में खड़गे से पूछा गया कि क्या इस बारे में कोई चर्चा हुई कि इंडिया का नया चेहरा कौन होगा. उन्होंने जवाब दिया, "जैसा कि मैंने कहा है, हम 11 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन करेंगे. मुंबई में अगली बैठक में हम तय करेंगे कि वे 11 सदस्य कौन होंगे और संयोजक कौन होगा. यह सब तय किया जाएगा." यूसीसी के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि चूंकि कोई विधेयक या इसका मसौदा सामने नहीं आया है, तो गठबंधन इस पर चर्चा कैसे कर सकता है? उन्होंने कहा, "वे (विधि आयोग) अभी भी आपत्तियां उठा रहे हैं. इस पर चर्चा करने का सवाल ही कहां है. हमने मणिपुर, बेरोजगारी और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की है."
सरकार के खिलाफ विपक्ष एक : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, "राजनीति में विचारधारा अलग तो होती ही है, लेकिन हम देश के लिए एक हुए हैं. लोगों को लगता है कि हम परिवार को बचाने के लिए एक हुए हैं, देश हमारा परिवार है और उसे बचाने के लिए हम एक हुए हैं. इस तानाशाह सरकार के खिलाफ हम लड़ेंगे."
26 पार्टियों का कुनबा :दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "26 पार्टियां एकत्रित हुई, यह दूसरी मीटिंग थी और यह अच्छी बात है कि कुनबा बढ़ रहा है...आज 26 पार्टियां अपने लिए एकत्रित नहीं हुए हैं, हमें एक तरफ देश को नफरत से बचाना है और दूसरी तरफ एक नए भारत का सपना लेकर हम सब इकट्ठा हुए हैं."
भाजपा को चुनौती : पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, लेकिन इससे पहले उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए राहुल गांधी को "हमारा पसंदीदा नेता" कहा. ममता ने कहा, "आज की बैठक फलीभूत रही। हमारे गठबंधन में 26 पार्टियां हैं...क्या एनडीए INDIA(इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस) को चुनौती दे सकती है? क्या भाजपा INDIA(इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस) को चुनौती दे सकती है? इंडिया को बचाना है, देश को बचाना है...भारत जीतेगा, इंडिया जीतेगा, देश जीतेगा, भाजपा हारेगी."
बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु सीएम स्टालिन, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, बिहार सीएम नीतीश कुमार, पंजाब सीएम भगवंत मान, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव, एनसी संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, उमर अब्दुल्ला, डी राजा, वाइको, उद्वव ठाकरे और महबूबा मुफ्ती शामिल थे.
हम वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे: विपक्ष
देश के 26 विपक्षी दलों ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपने नए गठबंधन का नाम तय करने के साथ यह भी कहा कि वे देश के समक्ष एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे तथा शासन के सार एवं शैली में इस तरह से बदलाव करेंगे कि वो अधिक परामर्श योग्य, लोकतांत्रिक और सहभागी हों. इन दलों ने सरकार पर भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को कमजोर करने और देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया.
बेंगलुरु में विपक्षियों का महागठबंधन
विपक्षी दलों ने बैठक में पारित ‘सामूहिक संकल्प’ में कहा, "हम संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं. हमारे गणतंत्र के चरित्र पर भाजपा द्वारा व्यवस्थित तरीके से गंभीर हमला किया जा रहा है. हम अपने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं." उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को व्यवस्थित रूप से और खतरनाक रूप से कमजोर किया जा रहा है. विपक्षी दलों ने कहा, "हम मणिपुर को तबाह करने वाली मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं. प्रधानमंत्री की खामोशी चौंकाने वाली और अभूतपूर्व है. मणिपुर को शांति और सुलह के रास्ते पर वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है." उन्होंने कहा कि वे संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर जारी हमले का मुकाबला करने और उनका सामना करने के लिए दृढ़ हैं.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया, "हमारी राजनीति के संघीय ढांचे को जानबूझकर कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. गैर-भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों और उपराज्यपालों की भूमिका सभी संवैधानिक मानदंडों से इतर रही है. भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ एजेंसियों का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है. गैर-भाजपा शासित राज्यों की वैध जरूरतों, आवश्यकताओं और अधिकारों को केंद्र द्वारा सक्रिय रूप से अस्वीकार किया जा रहा है." विपक्षी पार्टियों के अनुसार, वे आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों और रिकॉर्ड बेरोजगारी के गंभीर आर्थिक संकट का सामना करने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं. उन्होंने कहा, "नोटबंदी अपने साथ एमएसएमई और असंगठित क्षेत्रों में अनकही दुर्दशा लेकर आया, जिसके परिणामस्वरूप हमारे युवाओं में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी आई. हम पसंदीदा मित्रों को देश की संपत्ति की लापरवाही से बिक्री का विरोध करते हैं."
विपक्षी दलों ने कहा, "हमें एक मजबूत और रणनीतिक सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ एक प्रतिस्पर्धी और फलते-फूलते निजी क्षेत्र के साथ एक निष्पक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहिए, जिसमें उद्यम की भावना को बढ़ावा दिया जाए और विस्तार करने का हर अवसर दिया जाए. किसान और खेत मजदूर के कल्याण को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए." विपक्ष ने कहा, "हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एक साथ आए हैं, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए; सभी सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए एक निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हैं; और, पहले कदम के रूप में, जाति जनगणना को लागू करें." उनका कहना है, "हम अपने साथी भारतीयों को निशाना बनाने, प्रताड़ित करने और दबाने के लिए भाजपा की प्रणालीगत साजिश से लड़ने का संकल्प लेते हैं."
उन्होंने आरोप लगाया, "नफरत के उनके जहरीले अभियान ने सत्तारूढ़ दल और उसकी विभाजनकारी विचारधारा का विरोध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ द्वेषपूर्ण हिंसा को जन्म दिया है. ये हमले न केवल संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि उन बुनियादी मूल्यों को भी नष्ट कर रहे हैं जिन पर भारत गणराज्य की स्थापना हुई है." विपक्षी पार्टियों ने कहा कि भारतीय इतिहास का पुनर्निमाण और पुनर्लेखन करके सार्वजनिक विमर्श को दूषित करने के भाजपा के बार-बार किए जा रहे प्रयास सामाजिक सद्भाव का अपमान हैं. उन्होंने यह भी कहा, "हम राष्ट्र के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लेते हैं. हम शासन के सार और शैली दोनों को अधिक परामर्श योग्य, लोकतांत्रिक और सहभागी बनाने के लिए इन्हें बदलने का वादा करते हैं."