बेंगलुरु:राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की विशेष अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JBM) की गतिविधियों को बढ़ाने के इरादे से बेंगलुरु के बाहरी इलाके में डकैती करने वाले चार आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी कादोर काजी, मुस्तफिजुर रहमान, आदिल शेख और अब्दुल करीम को दोषी करार देते हुए 7 साल कैद की सजा का आदेश जारी किया है.
बताया जाता है कि जुलाई 2019 में एनआईए की टीम ने 2014 के बर्दवान विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी हबीबुर रहमान को विस्फोटक सामग्री, टाइमर और ग्रेनेड के साथ बेंगलुरु में गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान हबीबुर रहमान ने खुलासा किया था कि उनके समर्थक बेंगलुरु के चिक्काबनवारा में ठहरे हुए हैं और वह उनसे दो बार मिल चुका हैं. एनआईए के अधिकारियों ने तुरंत सोलादेवनहल्ली पुलिस के सहयोग से चिक्काबनवारा के घर पर छापा माराकर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.
एनआईए ने दाखिल कर चुकी है चार्जशीट:पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी और उनके साथी भारत में जेएमबी संगठन की गतिविधियों का विस्तार करने के लिए केआर पुरम, कोट्टानूर, अत्तिबेले पुलिस थाना क्षेत्रों में डकैती में शामिल थे और गोला-बारूद भी इकट्ठा करते थे. बाद में इस मामले में एनआईए ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. फिलहाल एनआईए ने इस मामले में कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 7 आरोपियों को दोषी ठहराया जा चुका है.