बोलपुर: पश्चिम बंगाल सरकार ने जमीन का पूरा दस्तावेज अमर्त्य सेन के घर प्रतीची पहुंचा दिया है. बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग ने विश्वभारती के अधिकारियों और वकीलों की मौजूदगी में दो दिन की सुनवाई के बाद लिए गए दस्तावेज को भी वापस कर दिया. इस पर विश्वभारती प्राधिकरणों की मुहर भी लगी है. डॉ. अमर्त्य सेन के नाम उनके पिता स्वर्गीय आशुतोष सेन की वसीयत के अनुसार कुल 1.38 एकड़ जमीन पहले ही दर्ज की जा चुकी है.
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर शांति निकेतन स्थित प्रतीची हाउस में 13 डिसमिल जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया. यहां तक कि अमर्त्य सेन को जमीन वापस करने के लिए तीन पत्र भी लिखे गए. गौरतलब है कि आशुतोष सेन को 1943 में विश्व भारती अथॉरिटीज ने 99 साल के लिए लीज पर दिया था. उस वक्त आशुतोष सेन ने वसीयत बनाई थी. इसमें कहा गया है कि उनकी मृत्यु के बाद पत्नी अमिता सेन जमीन की पट्टेदार होंगी. उनके बाद पुत्र अमर्त्य सेन ने वसीयत के साथ बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग में अपने वकील के माध्यम से पूरी जमीन को अपने नाम दर्ज कराने का आवेदन दिया.
इस तरह विश्व भारती के कार्यवाहक सचिव अशोक महत और उनके वकील की दो दिनों तक सुनवाई हुई. लंबी सुनवाई के बाद राज्य सरकार ने दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर 1.38 एकड़ यानी पूरी जमीन अमर्त्य सेन के नाम दर्ज करा दी. बोलपुर भूमि और भूमि सुधार विभाग ने शांतिनिकेतन में अमर्त्य सेन के 'प्रातीची' घर पर सुनवाई का दस्तावेज और फैसला पहुंचाया. दोनों पक्षों की उपस्थिति में लिए गए निर्णय पर विश्व भारती की मुहर भी लगी है.