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Bengal flat selling case: पश्चिम बंगाल में फ्लैट बिक्री मामला, ईडी अफसरों ने नुसरत जहां से छह घंटे की पूछताछ - तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य नुसरत

पश्चिम बंगाल में चर्चित फ्लैट बिक्री मामले में टीएमसी सांसद नुसरत जहां आज ईडी दफ्तर में पेश हुईं. ईडी के अधिकारियों ने उनसे करीब साढ़े छह घंटे तक पूछताछ की. उनके खिलाफ कथित रूप से करोड़ो रुपये के घोटाले का आरोप है.

Bengal flat selling case Nusrat Jahan reaches ED office for questioning
पश्चिम बंगाल फ्लैट बिक्री मामले में नुसरत जहां ईडी दफ्तर पहुंचीं

By IANS

Published : Sep 12, 2023, 12:02 PM IST

Updated : Sep 12, 2023, 7:51 PM IST

कोलकाता: अभिनेत्री से नेता बनीं तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य नुसरत जहां मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचीं. अपने पिछले मामलों के संबंधों में वह ईडी दफ्तर पहुंची. ईडी के अधिकारियों ने उनसे करीब साढ़े छह घंटे तक पूछताछ की. नुसरत जहां पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं. आरोप है कि पूर्व में वह एक संदिग्ध वित्तीय इकाई में निदेशक के रूप में जुड़ी थी जहां से वरिष्ठ नागरिकों को उचित दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा करके कई करोड़ रुपये की ठगी की थी.

उन्हें उत्तरी बाहरी इलाके में साल्ट लेक में केंद्रीय सरकार कार्यालय (सीजीओ) परिसर में ईडी के कार्यालय में उपस्थित होना था. मंगलवार को सुबह 11 बजे कोलकाता में वह कई फाइलों के साथ लगभग 10.50 बजे वहां पहुंचीं. हालांकि, उन्होंने इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया. एक अन्य अभिनेत्री और उक्त इकाई '7 सेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड' की एक अन्य निदेशक रूपलेखा मित्रा को बुधवार को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था.

केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को पहले ही बता दिया गया कि उन्हें सहायक दस्तावेजों और कागजात के साथ पेश होने के लिए कुछ समय चाहिए. सूत्रों ने कहा कि ईडी अधिकारियों की एक विशेष टीम नुसरत जहां के आगमन के निर्धारित समय से लगभग एक घंटे पहले सीजीओ कॉम्प्लेक्स कार्यालय पहुंची. यह पता चला है कि पूछताछ टीम ने उससे पूछताछ के लिए तीन पेज की प्रश्नावली तैयार की है.

ईडी के अधिकारियों ने पहले ही मामले में एक प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर कर दी है. ईडी में दर्ज शिकायतों के अनुसार, उक्त कॉर्पोरेट इकाई ने निवेशकों को चार साल के भीतर उचित दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा करके कई करोड़ रुपये एकत्र किए. हालाँकि, उन्हें अभी तक वे आवासीय फ्लैट नहीं मिले हैं, लेकिन नुसरत जहां सहित उक्त इकाई के निदेशकों ने उस पैसे का इस्तेमाल अपने फ्लैट बनाने के लिए किया.

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इस साल अगस्त की शुरुआत में मामला मीडिया में सामने आने के कुछ दिनों बाद, नुसरत जहां ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने मार्च 2017 में कॉर्पोरेट इकाई से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने उक्त कॉर्पोरेट इकाई से लगभग 1.16 करोड़ रुपये का ऋण लिया था और मार्च 2017 में ही ब्याज सहित 1.40 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण चुका दिया था.

(आईएएनएस)

Last Updated : Sep 12, 2023, 7:51 PM IST

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