कोलकाता : पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु (West Bengal Education Minister Bratya Basu) ने रविवार को राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Ananda Bose) को जनता से कटा हुआ 'दरबारी कवि' करार दिया. शिक्षा मंत्री, बोस की शुक्रवार की उस टिप्पणी का संदर्भ दे रहे थे, जिसमें उन्होंने (राज्यपाल ने) अपने संवैधानिक सहयोगी (मुख्यमंत्री) को नौ सितंबर को लिखे पत्र के बारे में कहा था कि यह उनके बीच गोपनीय रहना चाहिए.
राज्यपाल ने कहा, 'यदि कोई भी पक्ष पत्रों के बारे में बात करना चाहता है, तो वे उचित समय पर ऐसा करें. जो रहस्य था वह अब अतीत है.' राज्यपाल की टिप्पणी पर बोस ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के शिक्षक प्रकोष्ठ से कहा, 'राजभवन में एक कवि है. लेकिन कवि का जनता से कुछ जुड़ाव होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'यहां हमारे एक दरबारी कवि है. हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्या हमें ऐसे पद के साथ चिपके रहना चाहिए जो सफेद हाथी की तरह है. कोई उस पद को जीवित रखने की कोशिश कर रहा है जिसकी वर्तमान समय में कोई प्रासंगिकता नहीं है.' अभिनय और रंगमंच से जुड़े रहे ब्रत्य बसु संभवत: बोस का संदर्भ दे रहे थे, जो राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं.
राज्यपालों द्वारा विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपति की नियुक्ति के मुद्दे पर बसु ने कहा, 'कुछ कुलपति राज्यपाल के साथ नजदीकी बढ़ा रहे हैं, जबकि पूर्व में उनमें से कइयों के लिए हमने लड़ाई लड़ी है.' उन्होंने कहा, 'हम उन्हें धमकाएंगे नहीं, हम उन्हें कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि वे राज्य में ही रहेंगे. उन्हें याद रखना चाहिए कि इस कवि (राज्यपाल) का कार्यकाल, हो सकता है कि लंबा न हो.' बसु ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)देश के हर संस्थान और पद पर नियंत्रण स्थापित कर रही है.