कोलकाता :मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर से टकराव की स्थिति पैदा होती दिख रही है. ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह की तुलना तानाशाहों से की है. उन्होंने कहा है कि मोदी और शाह हिटलर, स्टालिन जैसे तानाशाहों जैसा व्यवहार कर रहे हैं.
इस टिप्पणी के साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, गैर सरकारी संगठनों से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील करती हैं. ममता की इस टिप्पणी से पहले अलपन बंद्योपाध्याय को आज दिल्ली में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (डीओपीटी) में रिपोर्ट करना था. हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया.
इसके बाद केंद्र सरकार ने सख्त रूख दिखाया. 28 मई को दिल्ली बुलाए जाने संबंधी पत्र जारी किए जाने के बावजूद अलपन सोमवार को दिल्ली रिपोर्ट करने में विफल रहे. ऐसे में केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई कि केंद्र अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करेगा. सरकारी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ चार्जशीट जारी की जाएगी.
गौरतलब है कि ममता और केंद्रीय नेताओं के बीच इससे पहले भी कई मौकों पर जुबानी जंग हो चुकी है. ममता ने इससे पहले विगत 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर तेज हुई सरगर्मियों के बीच कहा था कि बंगाल दिल्ली के दो गुंडों के हाथों में नहीं जाएगा.
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उन्होंने दक्षिण दिनाजपुर में चुनावी रैली में जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'आपको यह देखना होगा कि बंगाल, बंगाल में ही रहे. गुजरात भी बंगाल पर कब्जा करने में सक्षम नहीं होना चाहिए. बंगाल दिल्ली के हाथों में नहीं होना चाहिए. हम बंगाल को दिल्ली के हाथों में नहीं छोड़ेंगे.'
दिसंबर, 2020 में ममता ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा पर हमला बोला था. उन्होंने भाजपा नेताओं के दौरे को लेकर टिप्पणी की थी. ममता ने कहा था कि बंगाल में आते रहते हैं, चड्डा, नड्डा, फड्डा, भड्डा...
सितंबर, 2020 में ममता ने संसद से निलंबित किए गए सांसदों के प्रकरण में भी पीएम मोदी की सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने राज्यसभा में हंगामे को लेकर आठ सांसदों को निलंबित किए जाने के फैसले के बाद ट्वीट कर कहा था, 'किसानों के हित के लिए लड़ने वाले आठ सांसदों को निलंबित किया जाना दुखद है और यह इस सरकार की निरंकुश मानसिकता को दर्शाता है जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों एवं नियमों में विश्वास नहीं रखती. हम झुकेंगे नहीं और इस फासीवादी सरकार से संसद और सड़क दोनों जगह लडेंगे.'
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एक अन्य मौके पर अप्रैल, 2019 में भी ममता ने हिटलर और पीएम मोदी की तुलना की थी. उन्होंने रायगंज की चुनावी रैली में कहा था कि एडोल्फ हिटलर जिंदा होता, तो मोदी की गतिविधियों को देखकर खुदकुशी कर लेता.
पीएम मोदी का जवाबी हमला
ममता के आक्रामक लहजे को लेकर पीएम मोदी ने बंगाल की ही एक चुनावी रैली में सवाल खड़े किए थे. पीएम मोदी ने शास्त्रों का जिक्र करते हुए कहा कि जब कोई असफलता में, डर में, खीझ में गुस्सा करता है, तो उससे उसका मोह विचलन और ज्यादा बढ़ जाता है. फिर उसे कन्फ्यूजन होता है, फिर कन्फ्यूजन में लगातार गलती करता जाता है, बुरा करता जाता है, बुरा सोचने लग जाता है, और अपना ही सबकुछ गंवा देता है. इस गुस्से में मुझे भी क्या-क्या कहा जा रहा है, कभी रावण, कभी दानव, कभी दैत्य, कभी गुंडा. मोदी ने पूछा- दीदी इतना गुस्सा क्यों ?