कोलकाता:पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर जीएसटी परिषद की बैठक में बहुमत के बजाय सर्वसम्मति से निर्णय लेने की अपील की है. चंडीगढ़ में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 47 मीटिंग में भाग लेने आयी पश्चिम बंगाल वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों में बदलाव को मंजूरी देने के अलावा और राज्यों को सोने और कीमती पत्थरों के अंतर-राज्य आवाजाही के लिए ई-वे बिल जारी करने की भी अनुमति दी गई है.
जीएसटी परिषद ने मंगलवार को मंत्रियों के समूह (जीओएम) की एक अंतरिम रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. जो अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत दरों को तर्कसंगत बनाने पर विचार कर रही है. इसने कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों में बदलाव को भी मंजूरी दी है. साथ ही राज्यों को भी सोने और कीमती पत्थरों की अंतर-राज्यीय आवाजाही के लिए ई-वे बिल जारी करने की अनुमति दी है. जीओएम ने व्यवसायियों द्वारा आवासीय उपयोग के लिए आवासों को किराए पर देने की छूट का "समर्थन" किया.
सीतारमण को लिखे दो पन्नों के पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वित्त विभाग की प्रधान मुख्य सलाहकार डॉ अमित मित्रा ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का हवाला दिया हैं. राज्य के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद जीएसटी परिषद के लिए यह आवश्यक हो गया है कि जीएसटी परिषद हर निर्णय सर्वसम्मति से करे और बहुमत के आधार पर निर्णय लेने से परहेज करे. इससे न केवल जीएसटी काउंसिल की भविष्य में विश्वसनीयता बनी रहेगी बल्कि इस प्रतिष्ठित निकाय की समृद्ध परंपरा भी कायम रहेगी.