बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपनी राय व्यक्त की है कि बेलगाम जिले में एक महिला के साथ मारपीट और निर्वस्त्र कर जुलूस निकालने के मामले में पूरे गांव को दंडित किया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है, क्योंकि गांव में यह अमानवीय कृत्य होने के बावजूद गांव के लोग चुप रहे और इसे रोकने का प्रयास नहीं किया.
उच्च न्यायालय ने एक ऐसी योजना तैयार करने का सुझाव दिया है, जिससे पूरे गांव के ग्रामीणों को दंडित या जुर्माना लगाया जा सके. यह राय मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने व्यक्त की. पीठ ने बेलगावी तालुक में एक महिला को निर्वस्त्र कर उसके साथ मारपीट करने के मामले के संबंध में एक स्वैच्छिक याचिका पर सुनवाई की.