बेलगावी (कर्नाटक): भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोविड 19 वैक्सीन का कोवैक्सीन कोरोना से हमारी लड़ाई में आशा की किरण है. इसका परीक्षण अब तीसरे चरण में पहुंच गया है. अब तक 780 स्वयंसेवकों को इस टीके की खुराक दी जा चुकी है, किसी पर दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है.
इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण अगले 4-5 दिनों में खत्म हो जाएगा. वैक्सीन के नए साल में बाजार में आने की उम्मीद है.
बेलगावी के जीवन रेखा अस्पताल समेत देश के 12 अस्पतालों में इस टीके का क्लीनिकल परीक्षण हो रहा है. पहले चरण में यह टीका 4 स्वयंसेवकों को दिया गया था, दूसरे चरण में 50 को, और तीसरे चरण यह वैक्सीन 780 स्वयंसेवकों को दिया गया. तीसरे चरण के लिए जीवन रेखा अस्पताल को वैक्सीन की 1,000 खुराक मिली हैं, पिछले दस दिनों से अस्पताल में तीसरा चरण जारी है.
हर रोज 80 स्वयंसेवकों को दिया जा रहा टीका
18 वर्ष से अधिक आयु के औसतन 80 स्वयंसेवकों को हर दिन यह टीका लगाया जा रहा है. अभी तक इसका कोई भी दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है. पहले और दूसरे चरण में भी कोई दुष्प्रभाव नहीं सामने नहीं आया था. नतीजतन इस स्वदेश विकसित वैक्सीन से देश को संक्रामक बीमारी से लड़ने में मदद मिलने की उम्मीद काफी ज्यादा है. हालांकि कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि इस परीक्षण के टीके के कारण वह दुष्प्रभाव से ग्रस्त हैं, यह गलत है. अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर अमित भाटे ने कहा कि किसी को किसी भी साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ा.