घर में हरियाली आमतौर सभी को अच्छी लगती है। ऐसे लोग जिनके घरों में बागवानी के लिए जगह होती है, आमतौर पर अपने घर में जगह के अनुरूप छोटी या बड़ी बगिया तैयार कर ही लेते हैं। लेकिन छोटे घरों, विशेषकर फ्लैट में रहने वाले लोग भी आमतौर पर गमलों में पौधे लगाकर, बागवानी का शौक पूरा करने का प्रयास करते हैं।
जमीन में या गमलों में पौधों को लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं होता है, लेकिन यदि पौधे को सही तरह से सही प्रकार की मिट्टी में न रोपा जाये या उसकी देखभाल सही तरह से न की जाय, तो पौधे का पनपना मुश्किल हो जाता है। इसलिए बहुत जरूरी है बागवानी की शुरुआत से पहले उससे जुड़ी मूल बातों को जान और समझ लिया जाय।
कैसे करें शुरुआत
बागवानी चाहे छोटे स्तर पर करें या बड़े, कुछ खास बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है, और जब बात इंडोर बागवानी की हो कुछ मूलभूत बातों की जानकारी बहुत जरूरी हो जाती है। जैसे सबसे पहले पौधा खरीदते समय उसकी देखभाल की पूरी जानकारी लें, जैसे उक्त पौधे को कितना और कितने अंतराल पर पानी डालना चाहिए। उसे कितनी धूप की जरूरत है, तथा उसके लिए कौन सी खाद उपयुक्त होती है। यदि आप गमले में पौधा लगा रहे हैं, तो उस पौधे का विकसित आकार कितना हो सकता है, उसी के अनुसार गमले में उसे लगाएं। इसके अतिरिक्त पौधा लंबाई में बढ़ने वाला है या फैलने वाला, इस आधार पर बाल्टी सरीखे यानी गहरी तली वाले या चौड़े मुंह वाले गमले लिए जा सकते हैं।
घर पर तैयार पौधों के लिए मिट्टी कैसे करें इंडोर पौधों के लिए मिट्टी तैयार
- इंडोर पौधों के लिए बगीचे की तैयार मिट्टी अपने घर के आस-पास के बगीचे या नर्सरी से प्राप्त कर सकते हैं।
- टेरेस फार्मिंग या किचन गार्डनिंग जैसी इंडोर बागवानी में आपको कोकोपीट की भी आवश्यकता होती है। कोकोपीट सूखे और संकुचित नारियल फाइबर (नारियल की भूसी) और खाद से तैयार की गई कृत्रिम मिट्टी होती है। जो मिट्टी में नमी को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए आवश्यक होती है। बाजार में कोकोपीट मुख्यतः ईंट की बनावट में मिलते है। कोकोपीट को तैयार करने के लिए एक बाल्टी में लगभग 3 लीटर पानी में कोकोपीट की 1 ईंट डालनी चाहिए।
- मात्र एक मिनट के भीतर, कोकोपीट सारा पानी सोख लेती और आकार में फूल जाती है। साथ ही भिगोने से इसकी मात्रा भी बढ़ जाती है।
- तीसरी चीज जो न सिर्फ इंडोर बल्कि किसी भी प्रकार की बागवानी के लिए जरूरी है वह है खाद। यह मिट्टी और पौधे के लिए पोषक तत्वों का स्रोत होता है। हालाँकि, प्रारम्भिक स्तर पर खाद का उपयोग वैकल्पिक होता है। यदि पौधा रोपते समय खाद उपलब्ध ना हो तो आप बाद में खाद डाल सकते हैं।
- आप पेर्लाइट भी डाल सकते हैं। पर्लाइट एक खनिज पदार्थ है। यह गहरे काले या ग्रे रंग का अनाकार कांच है, जो मिट्टी में प्रकृतिक रूप से पाए जाने वाले यौगिकों से बनता है। शुरुआती बीज और रूट कटिंग शुरू करने के लिए यह सबसे ज्यादा लाभदायक है।
- अब मिट्टी, कोकोपीट और खाद को अच्छी तरह मिला लें। एक बर्तन या गमला लें जिसमें जल निकासी छेद हो। यदि छेद बड़े हैं, तो मिट्टी की गमले से बाहर निकलने की आशंका होगी| इसलिए बर्तन या गमले के भीतरी आधार को किसी भी आकार की बजरी से ढक देना चाहिए। यह पानी को बाहर निकलने देगा, लेकिन मिट्टी को नहीं।
- अब बर्तन को तैयार मिट्टी से भर दें।
आपका गमला कुछ बीज बोने के लिए, या सूखे पौधे को एक नए और बड़े गमले में स्थानांतरित करने के लिए तैयार है। पौधे का ध्यान हमेशा उसकी देखभाल के सही तरीके के अनुरूप ही करें। पानी और खाद की आपूर्ति उनमें सही मात्रा में ही होनी चाहिए, न ज्यादा और न ही कम। थोड़ी सी सावधानी और देखभाल आपके पौधे की उम्र और सेहत दोनों बढ़ा देती है।
पढ़ें:ऐसे करें बागवानी की शुरुआत