मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में भिखारियों का अपना बैंक चलता है. जमा रुपयों पर ब्याज भी मिलता है. जरूरत पड़ने पर लोन भी मिलता है. बैंक का नाम भी उन्होंने भिखारी (Bhikhari Bank) रखा है. सुनकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है. भिखारी भी अब मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं, आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं, तभी तो मुजफ्फरपुर (Muzzafarpur) के भिखारियों ने पांच ग्रुप बनाकर यह पहल की है.
इसके तहत भविष्य में होने वाले तकलीफ और आर्थिक मुसीबत से बचने के लिए जिले के 175 भिखारियों ने मिलकर पांच बैंक जैसे सेल्फ हेल्प ग्रुप शुरू किए गए हैं. जिसके संरक्षक और समन्वयक की भूमिका जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी निभा रहे हैं.
दरअसल, बिहार में भिक्षावृत्ति उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा स्वावलंबन नामक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. जिसके तहत मुजफ्फरपुर विभागीय अधिकारियों ने जिले में भिक्षाटन करने वाले भिखारियों की पांच सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया गया है. जो एक बैंक की तरह काम करता है.
इससे फिलहाल मुजफ्फरपुर जिले में भिक्षाटन करने वाले 175 भिक्षुक जुड़े हैं. जिसमें करीब सत्तर फीसदी सदस्य महिला भिक्षुक हैं. जो भीख में मिले रुपयों को इनमें जमा कराते हैं. जहां जमा राशि पर भी ब्याज मिलता है. जरूरत पड़ने पर इससे लोन भी मिलता है, वह भी एक प्रतिशत ब्याज पर.