गिरिडीह :जंगलों और पहाड़ों से घिरे गिरिडीह में हाथियों का आतंक तो था ही, अब मधुमक्खियां यहां के लोगों के लिए आफत बनी हुईं हैं. हाल यह है कि एक माह में ही मधुमक्खियों ने यहां के नौ लोगों की जान ले ली है, जबकि तीन दर्जन से अधिक लोग मधुमक्खियों के डंक से बेहाल हो चुके हैं. नतीजतन जिले के तिसरी, गावां और सदर प्रखंड में इनकी दहशत लोगों में है. किलर मधुमक्खियों (killer bee in giridih) लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं.
वन विभाग करेगा जांच
इस मामले को लेकर डीएफओ प्रवेश अग्रवाल का कहना है कि मधुमक्खियों के हमले (bee attack)में लोगों की मौत की खबर मिली है. इसके बाद से जांच की जा रही है. वैसे ऐसे मामले आपदा प्रबंधन विभाग देखता है जो जिला प्रशासन के अधीन है फिर भी वन विभाग के अधिकारियों को नजर रखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि विभाग के पास मधुमक्खियों से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है लेकिन इसके बावजूद विभाग अपने स्तर से इस मामले पर नजर रख रहा है.
तुरंत इलाज जरूरी: सिविल सर्जन
मधुमक्खियों से बचने के लिए सिविल सर्जन डॉ. शिव प्रसाद मिश्रा ने लोगों को कई सलाह दी है. उनका कहना है कि लोगों को मधुमक्खियों के छत्ते को छेड़ने से बचना चाहिए. यदि कहीं पर मधुमक्खी का आक्रामक झुंड दिखे तो पहले पूरा बदन ढंक लें. इसके बावजूद यदि मधुमक्खी काट लेती है तो तुरंत ही इलाज के लिए नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचें और दवा लें. उनका कहना है कि एड्रेनालाइन इंजेक्शन लगाने से लोगों को राहत मिल सकती है. लेकिन इलाज तुंरत ही शुरू होना चाहिए.
मधुमक्खियां आक्रामक क्यों हो रहीं?
आमतौर पर मधुमक्खियां छत्तों को छेड़ने पर ही आक्रामक होती हैं. लेकिन बिना वजह गिरिडीह में मधुमक्खियां आक्रामक हो रहीं हैं, कुछ घटनाएं ऐसी हैं जब खेत में काम कर रहे लोगों पर मधुमक्खियों का हमला हुआ तो एक घटना में मवेशी चरा रहे बुजुर्ग पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया. इधर मधुमक्खियां आक्रामक क्यों हो रहीं हैं, इसका जवाब वन विभाग के अफसरों के पास भी नहीं है. इसी वजह से उनके पास इस समस्या से निपटने का कोई रास्ता नहीं है. लोगों की जान पर बन आई है और लोग डर के साये में जीने के लिए मजबूर हैं.
यह भी पढ़ें-लखीमपुर हिंसा पर बोलीं उमा भारती- खून की नदी में नाव चला कर विपक्षी सत्ता हासिल करना चाहते हैं
जिले में मधुमक्खियों के काटने की प्रमुख घटनाएं
- 30 अगस्त:तिसरी प्रखंड के सिंघो के हरिजन टोला में मधुमक्खी के काटने से कौलेश्वर तुरी के पुत्र विशाल कुमार की मौत.
- 04 सितंबर: गावां के हरला निवासी चंद्रदेव यादव समेत चार लोगों पर मधुमक्खियों ने उस वक्त हमला किया जब सभी खेत में काम कर रहे थे. घटना में गम्भीर चंद्रदेव यादव को बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेफर किया गया 6 सितंबर को चन्द्रदेव ने दम तोड़ दिया.
- 7 सितंबर:गावां के निमाडीह के समीप हमले में नारायण भुला के 12 वर्षीय पुत्र उत्तम भुला व 10 वर्षीय पुत्र गौतम भुला की मौत, बचाने गए चार जख्मी.
- 13 सितंबर : गावां के सेरुआ में पांच महिलाओं पर मधुमक्खियों ने हमला किया. इस घटना में गम्भीर रूप से घायल 75 वर्षीय चौयसी देवी गम्भीर रूप से बीमार हो गईं. सदर अस्पताल में इलाज के क्रम में उसने दम तोड़ दिया.
- 15 सितंबर :तिसरी प्रखंड के सिंघो गांव निवासी 70 वर्षीय नाथू महतो की मौत मधुमक्खियों के हमले में हो गई. नाथू पर उस वक्त हमला हुआ जब वे मवेशी चराने नदी की तरफ गए थे.
- 02 अक्तूबर:तिसरी प्रखंड के सिंघो के टोला गुहियातरी गांव निवासी मनोज मिस्त्री की 8 वर्षीय पुत्री मधु कुमारी कुछ सहेलियों के साथ शौच के लिए गई थी. तभी मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया. इस घटना में मधु की मौत हो गई.
- 03 अक्तूबर:सदर प्रखंड के जीतपुर पंचायत अंतर्गत करमाटांड़ गांव के बुजुर्ग दंपती शनिचर महतो व भिखनी देवी बकरियों को लेकर जंगल गया था. यहीं पर मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया. दोनों की मौत इलाज के क्रम में हो गई.