नई दिल्ली : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जब तक चीन के साथ युद्ध नहीं होगा, और जब तक उसकी पिटाई नहीं होगी, तब तक स्थिति में बदलाव नहीं होगा. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में स्वामी ने कहा कि भारत के पास चीन को हराने की पूरी क्षमता है, सिर्फ राजनैतिक साहस दिखाने की जरूरत है, लेकिन वर्तमान सरकार के पास साहस नहीं है.
सवाल :भारत-चीन संबंधों में सीमा से जुड़ी समस्याएं कैसे सुलझेंगी ?
स्वामी: चीन से लड़ कर अपनी जमीन हमें वापस लेनी होगी. राजनैतिक इच्छा शक्ति दिखानी होगी, जो नहीं है. 1996 में नरसिम्हा राव ने चीन के साथ एक संधि की कि जो जहां है वैसे ही रहे. युद्ध के बजाय हम बातचीत करें. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को दोनों ने मान लिया था. उन्होंने उसे पार कर दीपसांग को अपने हाथ में ले लिया. गलवान में हमारी सेना ने ऊपर चढ़ कर उनको भगा दिया था. बहुत लोगों को मारा भी था, अब उसको भी ले लिया. ये सब किसी भी अखबार में नहीं आया. प्रधानमंत्री ने कह दिया कोई आया नहीं, कोई गया नहीं. चीन ने कहा हमारी जो जमीन है, वो हम ले रहे हैं. लद्दाख के लोग कह रहे हैं कि जो हमारी जमीन थी, हमने उसे खाली कर दिया. समस्या मोदी की है कि वो समझता है कि वो सब कुछ जानता है, जबकि वो अनपढ़ है इन मामलों में. इकॉनमिक्स में क्या उल्टा-सुल्टा बोलता है कि भारत की इकॉनमी 5 ट्रिलियन की हो जाएगी.
इस इंटरव्यू का पहला हिस्सा यहां देखें ...
भारत और चीन के संबंध या तो तब अच्छे थे, जब चंद्रशेखर की सरकार थी और मैं उसमें मिनिस्टर था, या फिर जब राजीव गाधी प्रधानमंत्री थे, क्योंकि वो चीन को जवाब देते थे. सुंग डू रुंग वैली में पीएलए आ गई थी, उस समय राजीव ने फौज को वहां भेज कर उन्हें भगा दिया वहां से. मैंने राजीव गांधी से कहा कि आपने इसका प्रचार क्यों नहीं किया. उन्होंने कहा उनकी पिटाई कर दी, इतना काफी है, प्रचार करेंगे तो रिश्ते बिगड़ जाएंगे. इसी तरह 1967 में इंदिरा गांधी ने भी सिक्किम में भी हमारी फौजें भेजीं और घुस आए चीनी सैनिक भगा दिए गए.
ये भी पढ़ें : स्वामी बोले,'राजीव गांधी वचन के सच्चे थे, पर मोदी से मैं धोखा खा गया'
ये भी पढ़ें :मोदी सरकार को स्वामी की सलाह, 'अमेरिका से मदद लेनी है तो रास्ता मैं बताऊंगा'
सवाल: भारत-चीन संबंधों की बात करें, तो भारत सरकार को इस वक्त क्या करना चाहिए
स्वामी :चीनियो को उखाड़ के फेंक देना चाहिए. हिमालय के इस पार जैसे ही आएं, उन्हें पीट देना चाहिए.
सवाल:तो ऐसा हो क्यों नहीं रहा ?
स्वामी: क्योंकि हम डरपोक हैं. या फिर कोई ऐसी बात है, जिससे पोल खुल जाने से डरते हैं. हमारे राजनेता तो बहुत कमजोर लोग हैं.
सवाल:बीजेपी जब विपक्ष में थी तो अक्सर कहती थी कि सरकार में राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी है. आज जब वो इच्छा शक्ति दिखाने का वक्त आया है, तो आप का कहना है कि वो मोदी सरकार में भी नहीं है ?
स्वामी : आज इनकी इच्छाशक्ति तो यही है कि अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों को खत्म करो. मोदी ने कहा चीन सीमा पर कोई आया नहीं, कोई गया नहीं. इससे बुरा और क्या हो सकता है. हर बार झूठ बोलना कि एलएसी पर बात हुई. अरे एलएसी तो पार कर चीन इधर आ गया. चीन कहता है हम जो लकीर खींचेंगे, वही एलएसी है. हमारी जनता के साथ बहुत धोखा हुआ है. इसलिए हमें सीधे युद्ध करना चाहिए. हम जीत जाएंगे. हथियार चाहिए, तो अमेरिका दे देगा सारे हथियार. अमेरिका की फौज नहीं चाहिए हमें, क्योंकि वो भी थके हुए हैं.
ये भी पढ़ें: मोदी सरकार को स्वामी की सलाह, 'अमेरिका से मदद लेनी है तो रास्ता मैं बताऊंगा'