नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा कम करने की मांग वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दिया. पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 1995 में की गई हत्या के जुर्म में राजोआना को मौत की सजा सुनायी गई थी. राजोआना पिछले 26 वर्ष से जेल में है. शीर्ष अदालत ने इस आधार पर याचिका खारिज कर दी कि केंद्र काफी लंबी अवधि के लिए उसकी दया याचिका पर फैसला करने में विफल रहा. कोर्ट ने केंद्र से दया याचिका पर विचार करने और फैसला लेने के लिए कहा है. जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस विक्रम नाथ एवं जस्टिस संजय करोल की पीठ ने कहा, "सक्षम प्राधिकारी समय आने पर फिर से दया याचिका पर विचार कर सकते हैं और निर्णय ले सकते हैं. रिट याचिका का निपटारा उसी के अनुसार किया जाता है."
गौरतलब है कि इस साल दो मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उसने मौत की सजा को इस आधार पर माफ करने की मांग की थी कि केंद्र काफी समय से उसकी दया याचिका पर फैसला करने नहीं कर रहा है. जस्टिस बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजोआना का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
रोहतगी ने तर्क दिया था कि लंबे समय तक दया याचिका पर बैठे रहने के दौरान राजोआना को मौत की सजा पर रखने से उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि राजोआना ने अपनी दोषसिद्धि या सजा को चुनौती नहीं दी है. पिछले साल सितंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की ओर से दायर दया याचिका पर फैसला करने में देरी के लिए केंद्र को फटकार लगाई थी.