नई दिल्ली :पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी (Former Congress chief Rahul Gandhi) ने मंगलवार को तेलंगाना के नेताओं से मतभेद भुलाकर आगामी चुनाव एकजुट होकर लड़ने और राज्य सरकार के खिलाफ खड़े होने को कहा. राहुल ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ एआईसीसी और राज्य कांग्रेस टीमों की तैयारी की समीक्षा की.
तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने ईटीवी भारत को बताया, 'राहुल गांधी ने राज्य के सभी नेताओं को धैर्यपूर्वक सुना. उन्होंने उनसे अपने मतभेद दूर करने, एकजुट होकर चुनाव लड़ने और राज्य सरकार के खिलाफ खड़े होने को कहा. राज्य के नेताओं के बीच छोटे-मोटे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन राहुल गांधी चाहते हैं कि सत्तारूढ़ बीआरएस को हराने के लिए सभी एक साथ आएं.'
ये टिप्पणियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि राहुल ने इस साल जनवरी में राज्य के नेताओं के बीच अंदरूनी कलह के बाद पूर्व प्रभारी मनिकम टैगोर को हटाने के बाद ठाकरे को राज्य के प्रभारी के रूप में तैनात किया था.
यही वजह है कि ठाकरे अब तक राज्य इकाई के प्रमुख रेवंत रेड्डी और सीएलपी नेता भट्टी विक्रमार्क दोनों को समर्थन जुटाने और ताकत दिखाने के लिए तेलंगाना भर में अलग-अलग पदयात्रा करने की अनुमति देकर सभी को एकजुट रखने में सक्षम रहे हैं.
तेलंगाना में इस साल के अंत में 119 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे. केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2013 में आंध्र प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बनाया था, लेकिन मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस, (पूर्व टीआरएस) तब से सत्ता में है.
कांग्रेस को राज्य सरकार के लिए भारी सत्ता विरोधी लहर का एहसास हो रहा है और वह बीआरएस से सत्ता छीनने की पुरजोर कोशिश कर रही है. इसके मुताबिक राहुल ने प्रदेश टीम को 80 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है.
राहुल की चुनावी तैयारियों की समीक्षा उनकी उपस्थिति में 35 वरिष्ठ बीआरएस नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के एक दिन बाद आई. ठाकरे ने दावा किया कि और भी नेता पाइपलाइन में हैं और कांग्रेस वापसी की राह पर है.